January 9, 2025

CG : बीजापुर नक्सल हमले में जान गंवाने वाले 8 जवानों में 5 का निकला नक्सली कनेक्शन, जानें पूरा मामला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुए नक्सली हमले ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। इस घटना में लाल आतंक ने IED ब्लास्ट से पुलिस के एक गाड़ी को उड़ा दिया था। इस हमले में कुल 9 लोग शहीद हो गए थे।

घटना 6 जनवरी को कुटरू के जंगली इलाके में हुई। शहीद हुए जवान एक एंटी-नक्सल ऑपरेशन से लौट रहे थे। इस ऑपरेशन में 5 नक्सली मारे गए थे और एक DRG जवान शहीद हुआ था। शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों में से 5 पहले नक्सली थे, जिन्होंने बाद में पुलिस फोर्स ज्वॉइन की थी। यह हमला पिछले दो सालों में नक्सलियों द्वारा किया गया सबसे बड़ा हमला है।

हमले से पहले का घटनाक्रम
बीजापुर जिले के कुटरू में 6 जनवरी को हुए इस दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। नक्सलियों ने कुटरू-बेदरे रोड पर पुलिस के एक वाहन को आईईडी ब्लास्ट से निशाना बनाया। इस ब्लास्ट में 8 पुलिस जवान और उनके वाहन के ड्राइवर शहीद हो गए। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा था कि नक्सलियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल कर इस घटना को अंजाम दिया। सख्ती से मामले की जांच की जा रही है।

वापस लौटने के दौरान बनाया निशाना
यह हमला उस समय हुआ जब सुरक्षाकर्मी 3 जनवरी को शुरू हुए एक एंटी-नक्सल ऑपरेशन से वापस लौट रहे थे। इस ऑपरेशन के दौरान 4 जनवरी की शाम को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 5 नक्सली मारे गए थे और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान शहीद हो गया था।

ये जवान पहले थे नक्सली
इन जवानों ने नक्सलवाद छोड़कर समाज की सेवा करने का फैसला किया था। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने शहीद जवानों के नाम बताते हुए कहा कि बीजापुर आईईडी ब्लास्ट में जान गंवाने वाले डीआरजी जवान हेड कॉन्स्टेबल बुधराम कोरसा, कॉन्स्टेबल दुम्मा मरकाम, पंडारू राम, बामन सोढ़ी और बस्तर फाइटर्स के कांस्टेबल सोमडू वेट्टी पूर्व समय में नक्सली के रूप में एक्टिव थे। उन्होंने सही फैसला लेते हुए सरेंडर किया और मुख्यधारा में शामिल हो गए। वहीं कोरसा और सोढ़ी बीजापुर जिले के रहने वाले थे, जबकि अन्य तीन दंतेवाड़ा जिले के थे।

पिछले साल इतने नक्सलियों ने किया समर्पण
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले साल बस्तर संभाग में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद भी ऐसी घटनाएं होना चिंता का विषय लगती हैं, इसलिए सरकार भी लगातार नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।

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