बिलासपुर : ऑनलाइन ठगी के 5 आरोपी गिरफ्तार, पाकिस्तानी गिरोह की मदद से देते थे वारदात को अंजाम
बिलासपुर। पुलिस ने 5 ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तानी गिरोह के साथ मिलकर साइबर अपराध को अंजाम देते थे. शातिर बदमाशों ने करीब 2 करोड़ रुपए का चूना देश भर के लोगों को लगाया है. पकड़े गए आरोपी रीवा, देवास, ओडिशा और मुंबई के हैं. पुलिस ने इनके पास से 45 लाख रुपये नकद बरामद किए है और 15 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में सीज किए हैं.
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ऑनलाइन ठगी की वारदात को पाकिस्तानी अपराधियों के साथ मिलकर अंजाम दिया करते थे. ‘ऑपरेशन 65’ कुल 9 दिन तक चला. आरोपियों के पास से 3 नग लैपटॉप, 13 नग मोबाइल, 15 लाख रुपये नकद, एटीएम कार्ड, पासबुक और अलग-अलग बैंक खातों के अलावा 27 लाख रुपए ब्लॉक कराएं गए हैं. कुल मिला कर जब्त की गई रकम करीब 42 लाख रुपये हैं.
पूरा मामला उस वक्त सामने आया जब बिलासपुर के ही शिकायतकर्ता जनकराम पटेल ने इसकी लिखित शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि जनवरी 2020 से लेकर अगस्त 2020 के बीच पाकिस्तानी नंबर से फोन और व्हाट्सएप मेसेज किए गए. इस दौरान आरोपी ने अपना नाम मुकेश अंबानी बताया.आरोपी ने पीड़ित को 25 लाख रुपये का लकी ड्रा जीतने की बात कही, साथ केबीसी में 2 करोड़ रुपये जीतने का लालच दिया.
आरोपियों ने फरवरी 2020 से अगस्त 2020 तक अलग-अलग खातों में प्रार्थी से करीब 65 लाख रुपए जमा करा लिए. इस दौरान जनक राम को शक हुआ और उसने पुलिस में इसकी शिकायत की. मामले की गंभीरता को समझते हुए आईजी दीपांशु काबरा ने विशेष टीम बनाने के निर्देश दिए. एसपी प्रशांत अग्रवाल ने टीम बनाई जिसमें अलग-अलग थानों के 22 लोगों को शामिल किया गया. साथ ही साइबर क्राइम और साइबर सेल से जुड़े लोग इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे थे.
बिलासपुर पुलिस ने इस फ्रॉड के केस में कुछ पाकिस्तानी नंबर सार्वजनिक किए हैं. जिसमें बड़े मामू उर्फ अजगर पाकिस्तानी, छोटे मामू उर्फ अशरफ पाकिस्तानी, हैंडलर इरफान और अख्तर जैसे कई अन्य पाकिस्तानी लोगों के नाम सामने आए हैं.