April 19, 2024

बिलासपुर : उज्ज्वला गृह के संचालक जितेंद्र मौर्य पर गंदी हरकत का आरोप, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित उज्जवला गृह के संचालक जितेंद्र मौर्य को गिरफ्तार कर लिया गया है.  जितेंद्र मौर्य पर उज्जवला गृह की युवतियों ने बलात्कार, मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाई है. मेडिकल जांच रिपोर्ट के बाद सरकंडा पुलिस ने  जितेंद्र मौर्य को गिरफ्तार किया है.  जितेंद्र मौर्य पर 376 के साथ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इस केस में आज ही पीड़िताओं के बयान दर्ज किये गए हैं.  

केंद्र सरकार की उज्ज्वला गृह योजना के तहत बच्चों और महिलाओं के मानव तस्करी और व्यावसायिक यौन शोषण से बचाव, पुनर्वास और उन्हें समाज में पुनः जोड़ने का काम किया जाता है. लेकिन बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र के राजकिशोर नगर में स्थित उज्ज्वला गृह से भागी 3 महिलाओं ने संचालक जीतेंद्र मौर्य पर ही गंदी हरकत करने का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़िताओं ने उज्ज्वला केंद्र के खिलाफ अपनी बातें सार्वजनिक भी की हैं. पीड़िताओं का कहना है कि उन्हें परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा था. कपड़े उतारकर पिटाई की धमकी दी गई. सेंटर से कहीं बाहर भेजने की भी तैयारी थी. पीड़िताओं ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने भी उनकी बात नहीं सुनी. 

एक पीड़िता के पति ने भी बताया कि उसे केंद्र में रह रही पत्नी से जानकारी मिली कि रविवार को सेंटर से 3 लड़कियों को बाहर भेजा जाएगा. केंद्र में खाने में नशीली चीज भी मिलाई जाती है. हैरान-परेशान पीड़िता ने पति से गुहार लगाई कि उसे केंद्र से बाहर निकाले. पति आनन-फानन में केंद्र पहुंचा. लेकिन पत्नी को उसके साथ नहीं भेजा गया.

पीड़िता के पति का यह भी आरोप है कि आनाकानी के बाद उसने सरकंडा थाने में शिकायत की, लेकिन थाने में सहयोग मिलने के बजाय उसे और ज्यादा परेशान किया गया. किसी तरह वो दबाव बनाकर 3 युवतियों को छुड़वाने में कामयाब रहा लेकिन केंद्र में बंद बाकी युवतियां भी गिड़गिड़ाती नजर आईं.

पीड़िता के पति का यह भी आरोप है कि इस पूरे मामले में सरकंडा पुलिस मिली हुई है और वो जीतेंद्र मौर्य के इशारे पर काम कर रही है.जिला परियोजना अधिकारी सुरेश सिंह ने जल्द इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है. उनका कहना है कि यह ग्रांट प्राप्त संस्था 2013 से संचालित हो रही है. अबतक कोई कंप्लेन नहीं आई थी. 

राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक का कहना है कि 28 तारीख को बिलासपुर में सुनवाई रखी गई है. उज्ज्वला गृह के संचालक, पीड़ित महिलाएं, CSP और जांच कर रहे टीआई को पक्षकार बनाकर नोटिस जारी किया गया है.

बहरहाल तीनों युवतियों का डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में बयान दर्ज हुआ है. इस पूरे मामले में हैरानी की बात यह है कि जिस विभाग को सतत निगरानी रखनी चाहिए वो कंप्लेन का इन्तजार कर रही थी और भीतर सबकुछ गड़बड़झाला चल रहा था.

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