BJP अध्यक्ष साय का आरोप : राज्य सरकार की लापरवाही ने कोरोना संक्रमण को चरम पर पहुंचाया
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम में विफलता पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार की अकर्मण्यता के चलते कोरोना संक्रमण अपने चरम पर पहुँच गया है। यदि प्रदेश सरकार का लापरवाहीपूर्ण रवैया इस संकट को लेकर इसी प्रकार का रहा तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में हाहाकार के हालात बन जाएंगे। साय ने कहा कि कोरोना मोर्चे पर प्रदेश सरकार अपनी विफलता स्वीकार करे। भाजपा इस राज्य सरकार को प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कतई नहीं करने देगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेश सरकार अब तक कोरोना संदिग्धों की जाँच व इलाज की कोई पुख़्ता व्यवस्था नहीं कर पाई है। हालात ये हैं कि क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखे गए लोगों की जाँच रिपोर्ट उनके सेंटर छोड़ने के कई दिनों बाद तक आ रही है और हज़ारों की संख्या में जांच रिपार्ट लंबित है और इसलिए अब एम्स ने भी सैंपल लेने से मना कर दिया है। साय ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर्स से निकलने वाले ये लोग अनेक लोगों के संपर्क में आ रहे है और बाद में मालूम पड़ता है वो कोरोना पॉजिटिव है और इससे कोरोना संक्रमण के तेज़ी से फैलने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। एक तरफ कोरोना संक्रमण अपने विस्फोटक स्तर पर पहुँच चुका है और प्रदेश सरकार अब भी अपनी राजनीतिक नौटंकियों से बाज नहीं आ रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले जिस तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहे हैं, उसके अनुपात में प्रदेश सरकार ने न तो जाँच के लिए लैब खोले हैं, न अस्पतालों में इलाज की सुविधा मुहैया कराई है और न ही मरीजों के लिए बिस्तर के इंतज़ाम इस प्रदेश सरकार ने किए हैं। साय ने आशंका जताई कि ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजों की संख्या में काफी इज़ाफ़ा होगा तो प्रदेश में हाहाकार के हालात होंगे और प्रदेश सरकार न मरीजों की जाँच और न ही उनका इलाज करा पाएगी।
प्रदेश सरकार अपनी घोर विफलता के चलते प्रदेश के जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और बार-बार ध्यान दिलाने के बावज़ूद न तो क्वारेंटाइन सेंटर्स की हालत सुधार रही है और न ही जाँच व इलाज के मामले में गंभीर हो रही है।साय ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर्स में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अन्य प्रदेशों से वापसी किए हुए जिन लोगों को इन सेंटर्स में रखा गया है, उनमें से किन्हीं एक-दो लोगों के संक्रमित होने की दशा में पूरे सेंटर में यह महामारी फैल रही है। कोरबा के एक सेंटर से, उनमें से 38 लोगो के कोरोना संक्रमित पाए जाने की खबरे है?
सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए। इसी तरह चंपारण के एक सेंटर में रखे गए 19 श्रमिक कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के ये मामले इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रदेश सरकार क्वारेंटाइन सेंटर्स में पर्याप्त सुरक्षा और सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करा रही है और इसलिए क्वारेंटाइन सेंटर्स में एक दो लोगो के संक्रमित होने के कारण सभी श्रमिक संक्रमित हो रहे हैं।