December 23, 2024

BSP : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज की पर्यावरण प्रदूषण की दलील, अब ट्रक से भी हो सकेगा ट्रांसपोर्टेशन…

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बिलासपुर/भिलाई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भिलाई स्टील प्लांट (BSP) को राहत देते हुए लौह अयस्क का ट्रकों से परिवहन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण होने की दलील भी नहीं मानी है। अब BSP नारायणपुर की रावघाट परियोजना से लौह अयस्क का ट्रांसपोर्टेशन ट्रक से कर सकेगा। इसको लेकर साल 2009 में ही केंद्र सरकार ने क्लीयरेंस दे दिया था, पर नक्सली समस्या के चलते एक रुपए का भी अयस्क सप्लाई नहीं हो सका।

दरअसल, नारायणपुर के रावघाट से लेकर भिलाई तक 95 किमी रेल लाइन बिछाने का काम होना था, लेकिन अभी तक 60 किमी तक ही हो सका है। इस बीच जहां रेल लाइन नहीं बिछ सकी, उस वहां के लिए ट्रक से लौह अयस्क के ट्रांसपोर्टेशन की अनुमति BSP ने केंद्र सरकार से मांगी थी। इस पर केंद्र सरकार राजी हो गई, लेकिन पर्यावरण प्रदूषण की दलील देते हुए इसके खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में एक याचिक दायर कर दी गई थी।

याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान BSP की ओर से वकील डॉ. सौरभ पांडेय ने तर्क दिया कि अब तक इस परियोजना में 1900 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें 417 करोड़ नक्सलियों को रोकने, 900 करोड़ सामाजिक सुरक्षा और अन्य कामों पर खर्च हुए हैं। ऑयरन सप्लाई नहीं होने से जनता के पैसे की हानि हो रही है। इस पर कोर्ट ने रेल परियोजना पूरी नहीं होने तक लौह अयस्क का ट्रक से ही ट्रांसपोर्टेशन करने का निर्देश दिया।

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