GIS 2025 में बंपर इंवेस्टमेंट! CM मोहन ने कहा 2 दिनों में ₹26.61 लाख करोड़ के निवेश, 17.34 जॉब्स मिलेंगी

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिनों तक GIS (Global Investors Summit) की धूम रही. इस दौरान प्रदेश में जमकर निवेश हुआ. ग्लोबल इन्वेटर्स समिट 2025 (Global Investors Summit 2025) के समापन के बाद पूरे आयोजन को लेकर सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि आज का यह दिन मध्यप्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 (GIS 2025) का सफल समापन हो रहा है. यह केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की एक ऐतिहासिक पहल है. इस वर्ष की समिट अपनी अभूतपूर्व विशिष्टताओं और थीम “अनंत संभावनाएँ” के कारण विशेष रही. पहली बार, यह समिट एक मल्टी-समिट प्रारूप में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रीय और सेक्टोरल विषयों पर केंद्रित चर्चाएं हुईं.
पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह का मार्गदर्शन मिला
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का शुभारंभ किया. उनके उद्घाटन भाषण ने प्रदेश और देश के उद्योग जगत को नई ऊर्जा और दृष्टिकोण प्रदान किया. प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेश की निवेश अनुकूल नई 18 नीतियाँ लॉन्च की गई. उदघाटन सत्र के दौरान एक विशेष वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से मध्यप्रदेश की औद्योगिक और निवेश क्षमताओं को दर्शाया गया, जिसे निवेशकों द्वारा सराहा गया. आज माननीय गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री के राम मोहन नायडू समापन समारोह मे शामिल हुए एवं उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ.
अदाणी ग्रुप रीवा और जबलपुर में करेगा निवेश
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मध्य प्रदेश में 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया है. अदाणी ग्रुप रीवा और जबलपुर के क्षेत्र में खनिज सेक्टर में निवेश करेगा. इससे लगभग 1 लाख नए रोजगार पैदा होंगे.
क्या कहते हैं आंकड़े?
दो दिनों में कुल 25,000+ से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए. 60+ देशों से आए 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश में निवेश और व्यापारिक सहयोग की संभावनाओं को तलाशा. 9 देशों ने पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागिता की कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान, मोरक्को, पोलैंड, रूस, रवांडा, यूनाइटेड किंगडम.
समिट के दौरान 70 से अधिक प्रमुख उद्योगों के उद्योगपतियों, संगठनों के साथ वन-टू-वन मीटिंग की गई जिसमें गोदरेज ग्रुप, पतंजलि, अरविंद ग्रुप, आदित्य बिड़ला ग्रुप, टॉरेंट ग्रुप, डोनीयर, इनोक्स, जेटरों, गोल्डक्रेस्ट सीमेंट, ईज़ माय ट्रिप, कॉन्सुलर सीजीए (इटली), जापान प्रतिनिधिमंडल – यूनिक्लो, ब्रिजस्टोन, हेटिच, पूजा एंटरटेनमेंट, एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग, रोड और माइनिंग उपकरण कंपनी, एक्सिस एनर्जी, एक्सिस बैंक, आईएफसी, पेप्सिको, डाटा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आर्ट्स और मोल्दोवा एंबेसडर, सहित विभिन्न कंपनियों और प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चाएँ हुईं निवेश प्रस्ताव सहित प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विस्तृत चर्चाएं हुई है.GIS 2025 में 600 से अधिक B2G बैठकें, 5,000 से अधिक बी.टू.बी. (B2B) बैठकें आयोजित हुईं, जिनमें उद्योगपतियों, निवेशकों और MSMEs ने भाग लिया. पहली बार एआई-बेस्ड बिजनेस मैचमेकिंग टूल का उपयोग किया गया, जिससे सही साझेदारों को जोड़ने में मदद मिली. इन बैठकों ने मध्य प्रदेश को वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.इस बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए पहली बार, GIS में 6 विभागीय समिट (Departmental Summits) का आयोजन किया गया.विभिन्न सेक्टर में 85 से अधिक एमओयू किए गए.एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के बीच ₹1,30,000 करोड़ का ऐतिहासिक एमओयू हुआ. यह समझौता मध्य प्रदेश में सड़क और राजमार्ग अवसंरचना को विकसित करने में मदद करेगा, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी, उद्योगों को बढ़ावा और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित होगी.
अंत में सीएम ने कहा कि आज इस समिट का समापन एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में हो रहा है. यह केवल निवेश का मंच नहीं था, बल्कि एक विचार-मंथन, नीति-निर्माण और भविष्य की दिशा तय करने का अवसर था. मध्यप्रदेश की यह यात्रा यहीं नहीं रुकेगी. हम निवेशकों के विश्वास को मजबूती देंगे, नई नीतियाँ लागू करेंगे, आधारभूत संरचना को और सशक्त करेंगे, और प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेंगे. हमारा संकल्प है कि मध्यप्रदेश, आत्मनिर्भर भारत के विकास पथ का ध्वजवाहक बने. यह समिट इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी. इस वर्ष, हम नए रोजगार सृजन हेतु प्रयास करेंगे. स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स को और अधिक सशक्त बनाएंगे. औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाएंगे. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को सर्वोत्कृष्ट बनाएँगे. हम “विकसित मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को साकार करने के लिए निरंतर कार्यरत रहेंगे.