बच्चों की ऑनलाइन स्टडी के लिए भैंस बेचकर खरीदा स्मार्टफोन
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक शख्स ने बच्चों की ऑनलाइन स्टडी के लिए अपनी गाय बेच दी थी। खबर सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी। अब ऐसा ही एक और मामला कांग़ड़ा में सामने आया है। अबकी बार एक पिता ने अपनी भैंस बेचकर मोबाइल खरीदा है।
दरअसल, हिमाचल में अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए माता-पिता इतने जागरूक हैं कि ऑनलाइन स्टडी के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा रहे है. जिला कांगड़ा के देहरा ब्लॉक की गाहलियां पंचायत में एक ओर ऐसा ही मामला सामने आया है।
प्रदीप कुमार ग्राम पंचायत गाहलियां के वार्ड-7 गांव डोडन, तहसील ज्वालामुखी के निवासी हैं। वह पेशे से ट्रैक्टर चालक हैं. गरीब पिता ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए 11 अगस्त को 30 हजार रुपये की अपनी दुधारु भैंस बेच कर ऑनलाइन स्टडीज के लिए मोबाइल खरीद लिया। घलौर के प्रदीप कुमार की पत्नी रंजना देवी गृहिणी हैं और मनरेगा में भी काम करती है। इससे पति-पत्नी मिलकर अपने घर का खर्चा चला रहे हैं. प्रदीप के पास 3 भैंसे हैं, जिनमें दूध देने वाली भैंस बेच कर अपने दो बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए 8 हजार रुपये का मोबाइल खरीद लिया।
बताते चलें कि प्रदीप का बड़ा बेटा निशांत दसवीं व छोटा बेटा प्रशांत छठी कक्षा में गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल घलौर, ज्वालामुखी में पढ़ते हैं. प्रदीप कुमार ने बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वो तो स्कूल नहीं जा पाए थे, लेकिन उनके बेटे शिक्षा से वंचित न रहें, इसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है. बतातें चलें कि प्रदीप का घर भले ही जर्जर हालत में है।
इस बारे में ग्राम पंचायत गाहलियां की प्रधान संजना का कहना है कि उनकी पंचायत में लगभग प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 130 घरों को स्वीकृति मिलेगी, जिसमें प्रदीप कुमार का घर भी है. कोरोना महामारी की बजह से यह कार्य रुका हुआ है।
डॉ. स्वाति गुप्ता, बीडीओ देहरा, का कहना है कि अगर ऐसा है तो प्रभावित के घर का उक्त पंचायत प्रधान के माध्यम से निरीक्षण करवाने के बाद हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी. उधर, रमेश ध्वाला, राज्य योजना बोर्ड उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक ने कहा कि जो माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर इतने जागरूक है, ऐसे माता-पिता को सम्मानित किया जाएगा. साथ ही सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता प्रदान की जाएगी।