CG – रामभक्तों की सेवा के लिए BJP विधायक ने शिक्षक को भेजा अयोध्या, भगवान भरोसे स्कूल
महासमुंद। भगवान राम (Bhagwan Ram) अब धर्म और श्रद्धा से अधिक राजनीति के भगवान हो गए हैं. जरूरत जब वोटों की हो, तब राम से ज्यादा राम भक्तों के सेवा की जरूरत होती है. यही वजह है कि महासमुंद (Mahasamund) जिले के बसना के भाजपा विधायक ने अनुशंसा कर एक प्रधान पाठक को दो माह से अधिक की छुट्टी दिलाकर निजी संस्था के भंडारा संचालन के लिए अयोध्या भेज दिया है.
मामला उजागर होने के बाद कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया है. महासमुंद के जिला कांग्रेस अध्यक्ष रश्मि चन्द्राकर ने इस मामले पर भाजपा को घेरते हुए कहा है कि परीक्षा के समय बच्चों की पढ़ाई कितनी प्रभावित होगी, इसकी चिंता किए बिना शिक्षा विभाग ने भंडारा चलाने के लिए प्रधान पाठक को छुट्टी भी दे दी. कांग्रेस के हमले के बाद अब अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं. महासमुंद के सहायक संचालक शिक्षा विभाग सतीश नायर का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी.
विभागीय पत्र में विधायक की अनुशंसा है उल्लेख
महासमुंद जिले के बसना विधानसभा के बिजेपुर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में कुल 33 बच्चे अध्ययनरत हैं. यहां मात्र दो शिक्षक तैनात है. इसके बावजूद इस दो शिक्षक वाले स्कूल के हेडमास्टर विश्वामित्र बेहरा को बसना के भाजपा विधायक के अनुशंसा पर उनके निजी संस्था नीलांचल सेवा समिति के भंडारा संचालन के लिए 67 दिनों के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है. पिथौरा ब्लॉक के शिक्षा अधिकारी ने बाकायदा विभागीय पत्र जारी कर विधायक की अनुशंसा का उल्लेख करते हुए हेडमास्टर विश्वामित्र बेहरा को अयोध्या मे भंडारा संचालन हेतु दिनांक 23/1/24 से 29/3/24 तक के लिए कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया है. अब पहली से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चों को एक ही शिक्षिका पढ़ा रही हैं. शिक्षिका सुषमा प्रधान और छात्राओं ने बता कि हेडमास्टर अयोध्या गए हैं.
विधायक ने आरोपों को नकारा
वहीं, मामला सामने आने पर महासमुंद के बसना से भाजपा विधायक संपत अग्रवाल ने बिजेपुर प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की अयोध्या में भंडारे में ड्यूटी लगाने के मामले पर कहा है कि ये झूठ है कि स्कूल में एक शिक्षक है. स्कूल में पांच शिक्षक है, ये विरोधियों की साज़िश है. उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उनका भंडारा अयोध्या में चल रहा है. वहां बाकायदा कैटरर को लगाया है, किसी शिक्षक की ड्यूटी नहीं लगाई है.