CG : कांग्रेस सरकार पर BJP का बड़ा आरोप, संबित पात्रा ने कहा- खुद के प्रचार के लिए खर्च किए 600 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर छत्तीसगढ़ जाकर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अपने घोषणा पत्र में 316 वादे किए थे, जिनको राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अब तक पूरा नहीं किया है. भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आने वाले समय में पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं.
राहुल गांधी कल छत्तीसगढ़ में थे, वहां उन्होंने इस बार भी कई झूठे वादे लोगों से किए और वक्त आ गया है कि भाजपा और छत्तीसगढ़ की जनता राहुल गांधी और कांग्रेस को आईना दिखाए. भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ पहले ही छत्तीसगढ़ में जारी आरोप पत्र का जिक्र करते हुए पात्रा ने कहा कि 104 पेज का यह आरोप पत्र कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में किए गए घोटालों का पुलिंदा है. शराब से लेकर पीडीएस राशन, धान और चावल के वितरण और सड़क निर्माण तक हर क्षेत्र में घोटाला हुआ है.
पात्रा ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को ‘ठगेश सरकार’ कहकर संबोधित किया. छत्तीसगढ़ सरकार पर नक्सलियों के साथ मिलकर काम करने का बड़ा आरोप लगाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार तो वहां नक्सलियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है. उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी विधेयक भाजपा सरकार लेकर आई थी, जिसका उद्देश्य प्रदेश के जनजातीय बंधुओं की संस्कृति और विचारों को संजोकर रखना था. लेकिन, कांग्रेस सरकार हमेशा इस बिल के विरोध में रही और धर्मांतरण को लगातार बढ़ावा दे रही है। किसान सम्मान निधि और तेंदूपत्ता संग्रह को लेकर बघेल सरकार की आलोचना करते हुए पात्रा ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता के मामले में भी प्रदेश सरकार पर हमला बोला.
भाजपा की पिछली प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में शुरू की गई चरण पादुका एवं साड़ी वितरण योजना को रोकने की आलोचना की और साथ ही यह भी आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस सरकार के 5 साल के कार्यकाल में लगभग 1 लाख बच्चियां गायब हुई हैं. केजरीवाल सरकार से तुलना करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि केजरीवाल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा भी लगभग 600 करोड़ रुपये व्यक्तिगत प्रचार प्रसार में खर्च किए गए.