November 8, 2024

CG : जनजाति समाज के लोगों की जमीनें हो गईं गायब? भूख हड़ताल पर बैठा परिवार

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की ज़मीन हड़पने के कई मामले सामने आ चुके है. आदिवासी इलाक़े सरगुजा संभाग में भी आदिवासियों की ज़मीन अब सुरक्षित नहीं है. ऐसा ही एक मामला मनेन्द्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर ज़िले के भरतपुर तहसील क्षेत्र में सामने आया है. यहाँ निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों ने प्रशासन और कुछ लोगों पर उनकी पुस्तैनी ज़मीन हड़पने का आरोप लगाया है. और ज़मीन की लड़ाई में मृत हो चुके परिवार के मुखिया की मौत पर मुआवज़ा के साथ अपनी पुस्तैनी ज़मीन वापस लेने की शासन प्रशासन से माँग की है.

भूख हडताल पर बैठ बैगा परिवार

ज़िले के जनकपुर ब्लाक में बागा परिवार की जमीन गायब होने का एक मामला आने वाले समय में बड़ा मुद्दा बन सकता है. दरअसल तहसील क्षेत्र में रहने वाले गेंदलाल बैगा और पवन कुमार बैगा राजस्व अधिकारियों की चौखट पर कई बार माथा पीटने के बाद अपने परिवार खानदान के साथ तहसील कार्यालय के सामने भूख हडताल पर बैठ गए है. जानकारी के मुताबिक़ जिस ज़मीन के गायब होने की लड़ाई बैगा परिवार लड़ रहा है. वो जमीन 1934-35 के रिकार्ड उनके दादा लोधियारा बैगा के नाम से दर्ज है. लोधियाराम के दो पुत्र शुक्लाराम बैगा और चैताराम बैगा हुए. जिन्हें शासन ने भू-आबंटन में 5-5 एकड़ का पट्टा दिया था. फिर 1975-75 तक एक के नाम पर 5 एकड़ ज़मीन दर्ज थी. पर 2006 के रिकार्ड निकलवाने में पता चला कि, अब खाते में दो एकड़ ही ज़मीन बची है. उसके खाते की तीन एकड़ ज़मीन को शासकीय मद में दर्ज कर ख़सरा नंबर भी बदल दिया गया है. जबकि शासकीय मद में दर्ज की गई ज़मीन में ही बैगा परिवार का पुस्तैनी मकान अब भी बना है.

पहले ही बेदखली की नोटिस

बैगा परिवार के ऊपर इस साल की शुरूआत से ही प्रशासनिक जुर्म जारी है. पहले बैगा परिवार के सदस्यो को बेदख़ली का नोटिस भेजा गया. और फिर बीते 4 फरवरी के एसडीएम पूरे दल बल के साथ उनका घर गिराने पहुँच गए. लेकिन जब पीड़ित परिवार ने अपने पास रखे पुराने दस्तावेज दिखाए तो प्रशासनिक टीम उस दिन तो वापस चली गई. लेकिन फिर पुस्तैनी जमीन छिनने की चिंता में अगले ही दिन परिवार के प्रेमलाल बैगा की सदमे में मौत हो गई . लेकिन उसके बाद जमीन ग़ायब होने और खसरा बदलने की शिकायत लेकर बैगा परिवार के लोग कलेक्टर एसडीएम के पास गए. पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं था. लिहाजा आज से परिवार के सभी महिला पुरूष सदस्य भूख हडताल पर बैठ गए हैं. ज़िले के कलेक्टर नरेन्द्र दुग्गा ने बताया की मामले की जानकारी के बाद एसडीएम को मौक़े पर समझाईश के लिए भेजा गया है.

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