December 22, 2024

CG – खुफिया रिपोर्ट : 9 जिले बेहद संवेदनशील; माहौल खराब करने की हो सकती है कोशिश…रासुका को 30 जून तक बढ़ाया गया….

CHHAG

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिरनपुर की घटना के बाद पुलिस अलर्ट है। साजा विधानसभा जैसी वारदात कहीं और ना हो इसे लेकर पुलिस-प्रशासन दोनों सतर्क है। वहीं संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ रासुका के अधिकार सीमा में भी बढोत्तरी कर दी गयी है। हालांकि इसी बीच खुफिया रिपोर्ट ने सरकार को और भी सचेत कर दिया है। बिरनपुर की घटना के बाद जारी हुई खुफिया विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के कई हिस्से बेहद संवेदनशील हैं।

सूत्र बताते हैं कि खुफिया विभाग ने जो रिपोर्ट सरकार को भेजी है, उसके मुताबिक कांकेर, केशकाल, कोरबा, अंबिकापुर, बेमेतरा, बालोद, कवर्धा, दुर्ग और रायपुर बेहद संवेदनशील जिले है। आने वाले दिनों में इन जगहों में माहौल खराब करने की कोशिश हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक अतिवादी संगठन आने वाले समय में कई जगहों पर माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। मामूली विवाद भी राजनीतिक दखलंदाजी की वजह से बड़ा रूप ले सकती है। कुछ संगठन दल विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए ध्रुवीकरण की कोशिश कर सकते हैं। इस रिपोर्ट के बाद शासन प्रशासन दोनों ही हर मामलों में बारीकी से नज़र रख रहे हैं।

रासुका को 30 जून तक बढ़ाया गया
छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिका फैलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत अब 30 जून तक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने रासूका की समयावधि को 1 अप्रैल से 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। राज्य सरकार की ओर से जिलों के कलेक्टर को आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें पुलिस को कभी भी गिरफ्तारी का अधिकार होगा। पकड़े गए आरोपी को एक साल तक हिरासत में रखा जा सकेगा और जमानत भी मुश्किल होगी। गृह विभाग को प्रदेश के 31 जिलों से साजिश के इनपुट मिले हैं।जिन जिलों के कलेक्टर को आदेश जारी किया गया है उनमें, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कबीरधाम, महासमुंद, धमतरी, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बेमेतरा, बालोद, मुंगेली, सूरजपुर, बलरामपुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर शामिल है। 31 मार्च को जारी अधिसूचना के मुताबिक इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कतिपय तत्व सांप्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए, लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं, अथवा उनके सक्रिय होने की संभावना है। ऐसे में सरकार रासुका लगा रही है। आपको बता दें कि जिला प्रशासन को ये लगे कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा खड़ा कर रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। साथ ही, अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करवा सकती है। जमाखोरों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है। कानून का उपयोग जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है।

error: Content is protected !!