CG : मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल; सोनोग्राफी के लिए गर्भवती को कराया इंतजार, खुली छत में पैदा हुआ मृत बच्चा
सरगुजा। Chhatisgarh News: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Ambikapur Medical College Hospital) में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला को सोनोग्राफी (Sonography) के लिए घंटेभर लाइन में खड़ा कराया, जिसके परिणामस्वरूप खुले छत में उसकी डिलिवरी (Delivery) हो गई. महिला के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस गड़बड़ी ने उस महिला से उसका बच्चा छीन लिया, क्योंकि मेडिकल टीम (Medical Team) की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत (Death of Newborn) हो गई है.
क्या है मामला?
शंकरगढ़ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) से रेफर गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां एमसीएच में सोनोग्राफी के लिए महिला को करीब 1 घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा. जबकि उसके पति ने इमरजेंसी बताकर डॉक्टर से जल्दी सोनोग्राफी करने की विनती की थी. इसी बीच महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई और दर्द से तड़पने के कारण वह खुले छत पर बालकनी में चली गई. यहां उसने मृत बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद अस्पताल में हडकंप मच गया. महिला के परिजन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
इमरजेंसी थी फिर भी जल्द नहीं हुई सोनोग्राफी
महिला के पति ने सोनोग्राफी कर रहे डॉक्टर को स्थिति से अवगत कराया, लेकिन इमरजेंसी में उसका सोनोग्राफी तत्काल नहीं की गई. करीब 1 घंटा तक महिला लाइन में खड़ी थी. इसी बीच अचानक प्रसव पीड़ा बढ़ गई और दर्द से तड़प रही महिला पास के बालकनी में जाकर कोने में लेट गई. वहीं उसका प्रसव हो गया.
गर्भ में ही बच्चे की नहीं चल रही थी धड़कन : डॉक्टर
दूसरी ओर इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जीके रेलवानी का कहना है कि गर्भ में बच्चे की धड़कन नहीं चल रही थी, जिसके कारण शंकरगढ़ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से महिला को रेफर किया गया था. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच किया, इसके बाद प्रशिक्षु डॉक्टर अंकिता के साथ भेजकर उसकी सोनोग्राफी करवाने भेजा गया था. इसी बीच प्रसव पीड़ा बढ़ गई और बालकनी में मृत बच्चे को उसने जन्म दिया. डॉ जीके रेलवानी ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में मेडिकल नेग्लिजेंस की कोई बात नहीं है.