September 27, 2024

‘मनपसंद’ एप बताएगा किस ब्रांड की शराब किस दुकान में मिलेगी, बेवड़ों की सबसे बड़ी समस्या हो जाएगी दूर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आबकारी राजस्व की कमी शायद सरकार के लिए चिंता का सबब बन गया हैं। इसीलिए यह खबर शराब के उन शौकीनों के लिए बड़े काम की है, जो सरकारी दुकानों से शराब तो खरीदते हैं, लेकिन जब मनपसंद ब्रांड नहीं मिलता, तो उन्हें मायूसी होती है। दरअसल राज्य सरकार का आबकारी विभाग अब एक ऐसा एप्लीकेशन (एप) लाने की तैयारी में है जिससे यह आसानी से मालूम हो जाएगा कि किस दुकान में शराब का कौन सा ब्रांड उपलब्ध है?

छत्तीसगढ़ में पीने-पिलाने के शौकीनों को पिछले कुछ समय से इस बात की शिकायत है कि उन्हें पसंद की शराब, बीयर, माल्ट वगैरह नहीं मिल रही है। लेकिन अब आबकारी विभाग अपने ग्राहकों की इस परेशानी को खत्म करने की तैयारी में लग गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार विभाग जल्द ही मनपसंद नाम से एक एप्लीकेशन लांच करने की तैयारी में है। बताया गया है कि चिप्स के माध्यम से एप बनाया जा रहा है।

आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार शराब दुकानों में ग्राहकों को मनपसंद ब्रांड न मिलने से केवल पीने वालों को परेशानी नहीं है। ये बात सरकार के लिए भी परेशानी की वजह बन सकती है। क्योंकि सरकार को आबकारी राजस्व के रूप में हर साल हजारो करोड़ रुपए मिलते हैं। एक साल पहले तक आबकारी राजस्व करीब छह हजार करोड़ रुपए था, इसे अब करीब दोगुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में आबकारी विभाग की राज्य स्तरीय टीम ने बिलासपुर जिले में शराब दुकानों का जायजा लिया तो यह बात प्रमुखता से सामने आई कि शराब दुकानों में ग्राहकों की पसंद के ब्रांड नहीं है, इस वजह से बिक्री प्रभावित हो रही है।

अब आबकारी विभाग जो एप्लीकेशन लांच करने की तैयारी में है उससे यह पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र की कौन सी शराब दुकान में कौन कौन से ब्रांड उपलब्ध हैं। वहां से खरीदी आसान होगी। बताया गया है कि शराब दुकानों में कई बार ऐसा भी होता है कि वहां के सेल्समैन कुछ खास ब्रांड को बढ़ावा देने की कोशिश में उनकी सेल में दिलचस्पी लेते है, कुछ ब्रांड को दबा दिया जाता है। अब ऐसा भी नहीं हो पाएगा। सूत्रों के अनुसार राज्य में अगले एक दो दिनों में दिल्ली, पंजाब हरियाणा, सहित अन्य राज्यों से बड़ी मात्रा में शराब, बीयर विहस्की आदि यहां लाई जा रही है।

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