CG : रोजगार का पर्याय बना रीपा, टाऊ प्रसंस्करण से जुड़कर रोजगारोन्मुखी गतिविधियों में सम्मिलित हुईं महिलाएं
छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजना से प्रदेश में विभिन्न रोजगारोन्मुखी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. महिलाओं एवं ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए सरकार लगातार प्रोत्साहन दे रही है. स्थानीय स्तर पर लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए गौठानों में रीपा के तहत अनेक मल्टीएक्टीविटी की जा रही है. साथ ही साथ स्थानीय महिलाओं को समूह के रूप में विकसित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे महिलाएं रोजगार से जुड़ रही हैं.
कुनकुरी विकासखंड के फरसाकानी महात्मा गांधी ग्रामीण उद्योगिक पार्क (रीपा) में टाऊ प्रसंस्करण की शुरुआत की गई है. कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के दिशा-निर्देश और सीईओ जिला पंचायत संबित मिश्रा के मार्गदर्शन तथा तकनीकी सहयोगी संस्था वैदिक वाटिका जशपुर का सहयोग लेकर फरसाकानी महात्मा गांधी ग्रामीण उद्योगिक पार्क में ज्योति स्व-सहायता समूह की महिलाएं टाऊ प्रोसेंसिंग का प्रशिक्षण लेकर के टाऊ का आटा विगत 05 दिनों से बनान प्रारंभ कर किए हैं.
तकनीकी सहयोगी संस्था वैदिक वाटिका जशपुर के जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्योति स्व-सहायता समूह के 10 महिलाओं के साथ अन्य समूह के महिलाएं भी जुड़कर कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में आटा उत्पादन की क्षमता 400 किलोग्राम है. जब पूरी मशीने चलने लगेंगी तो इसकी क्षमता में वृद्धि होगी. जिले में बड़ी मात्रा में टाऊ की खेती की जाती है. टाऊ प्रसंस्करण केन्द्र नहीं होने से यहं के लोगों को इसका फायदा नहीं मिलत पाता है. प्रसंस्करण केन्द्र नहीं होने के कारण किसान इससे 40 से 50 रुपये किलो में मोटा टाऊ को सस्ते दामों में बचते हैं. जब कि यह टाऊ का आटा फलाहार होता है. जिससे इसकी मांग बाजारों अधिक रहती है. यह रिटेल में 130 से 140 रुपये किलो बिकता है.
उन्होंने बताया कि जिले में दो जगह टाऊ प्रसंस्करण केन्द्र फरसाकानी और पंडरापाठ में लगवाएं गए हैं. फरसाकानी रीपा केन्द्र में महिलाएं आटा का उत्पादन तो कर ही हैं साथ में टाऊ का आटा, गेहूं का आटा, सूची, मैदा उत्पादन के साथ-साथ मिलेट पास्ता भी बना रहे हैं समूह द्वारा आटा और टाऊ का आटा बचने के साथ ही उससे पास्ता बनान के भी बेच रहे हैं जो कि सामान्य पास्ता से काफी ज्यादा सेहतमंद है. टेस्ट में भी काफी ज्यादा है. उन्होंने बताया वैदिक वाटिका द्वारा समूह के महिलाओं को आटा बनाने और टाऊ से आटा बनाने का प्रशिक्षण विगत एक महीने से दिया जा रहा है. समूह के महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर उत्पादन कार्य की शुरुआत कर दी है.