CG – प्रिंसिपल ने फंसाया पेंच : अपने ही स्कूल में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों का रास्ता किया बंद, जानें- पूरा मामला
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिलान्तर्गत सन्ना में एक प्रिंसिपल ने अपने ही स्कूल में पढ़ने वाले और पास के हॉस्टल में रहने वाले सैकड़ो स्कूली बच्चों का रास्ता बंद कर दिया। सन्ना के अकरीकोना में पोस्ट मैट्रिक छात्रावास का निर्माण कराया, जिसमें वर्तमान में 130 बच्चे रहते है. इस छात्रावास में रहने वाले बच्चे अपने स्कूल के प्रिंसिपल बहादुर राम भगत की इस हरकत से परेशान है।
दरअसल, छात्रावास आने-जाने के रास्ते में प्रिंसिपल का ही खेत है. हॉस्टल निर्माण के समय विभाग से प्रिंसिपल की आपसी लिखित सहमति हुई थी कि छात्रावास आने-जाने के लिए 12 फीट चौड़ी और 165 मीटर लंबे रास्ते की जरूरत है, जिसमे बहादुर राम भगत की 16 डिसमिल जमीन जानी थी. इसके एवज में उन्होंने अकरीकोना में सड़क किनारे आठ डिसमिल और सन्ना में आठ डिसमिल जमीन की मांग की थी।
लेकिन अचानक प्रिंसिपल ने बरसात के मौसम में खेत जोतकर बच्चों के आने-जाने का रास्ता रोक दिया, जिससे बच्चे हैरान हो गए. शिकायत मिलने के बाद सन्ना तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर प्रिंसिपल बहादुर राम भगत को समझाइश दी कि इस जमीन के एवज में दूसरी जमीन के लिए तहसील में आवेदन करें. उन्हें इस सोलह डिसमिल जमीन के एवज में दूसरी जमीन दी जाएगी. बच्चों का कहना है कि रास्ता बंद होने से अब उन्हें पगडंडियों में चलकर आना जाना पड़ेगा और बरसात में खेत से उतर कर पार होने से उन्हें सांप बिच्छू के साथ पगडंडी में गिरने का खतरा बन गया है.
इस संबंध में सन्ना तहसीलदार सुनील गुप्ता ने बताया कि सन्ना में पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास निर्मित है. छात्रावास के सामने प्रिंसिपल बहादुर राम की निजी भूमि है. यहां से बच्चे आना-जाना करते थे. अभी खेती का समय है तो बहादुर राम की द्वारा खेती के लिए जुताई किया गया था. उनको मौके पर जाकर समझाइश दिया गया है कि, रास्ता जिससे बच्चे हॉस्टल के लिए आना-जाना कर रहे थे. वैसे ही रास्ता को छोड़कर रखना है. जिससे निर्बाध रूप से बच्चे आना-जाना करेंगे. उन्होंने आगे बताया कि प्रिंसिपल सहमत हैं, उन्हे कोई आपत्ति नहीं है. उनकी जो भी बात है वे आवेदन प्रस्तुत करेंगे. उसपर कलेक्टर के समझ विचार किया जाएगा.