January 11, 2025

CG : 4 महीने टापू बन जाता है ये गांव, चारों ओर बहती है नदी, बड़े जुगाड़ वाले हैं लोग…

KOR-A

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ऐसा गांव है, जहां बारिश के दिनों में आना-जाना मुश्किल हो जाता है. बारिश हुई नहीं कि गांव के मुहाने पर बहते नाले पर पानी नदी की तरह बहन लगते हैं. इन नदी को पार करके ही गांव के लोग बाहर आने-जाने का जोखिम लेता है. नाले पर पुल नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चों को स्कूल आने जाने से लेकर मरीजों को अस्पताल ले जाने तक समस्या हो जाती है. प्रशासन से नाले पर पुल बनाने की गुहार करते-करते ग्रामीण थक गए, लेकिन आज तक पुल नहीं बना.

प्रशासन की लगातार अनदेखी के चलते शिकार गांव के लोगों ने अपनी समस्या का खुद समाधान कर लिया. अब ग्रामीणों ने खुद मिलकर पुल बना दिया. बांस-बल्ली से बने इस पुल से ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं. मामला जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर चुइया पंचायत के आश्रित गांव मुढ़धोवा का है, जो बारिश में टापू बन जाता है.

महिला को गंवानी पड़ी थी जान
चारों तरफ से नालों से घिरे इस गांव में आज तक पुल नहीं बना. सिस्टम की बेरुखी के कारण कुछ दिन पहले एक महिला को अपनी जान गंवानी पड़ गई. परिजन की मानें तो नाले उफान पर थे और नाले पर पुल नहीं होने की वजह से गांव में एंबुलेंस नहीं आ पाई और ये लोग भी मरीज को गांव से बाहर नहीं निकाल पाए. बीमार महिला तड़पती रही. ना एंबुलेंस पहुंची और ना ही डॉक्टर. इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई. बारिश के कारण कोई और बेमौत ना मारे इसके लिए लोगों ने लकड़ी की पुलिया बना डाली.

चट्टानों के बीच बना डाला पुल
गांव में एक महिला की नहीं कई मौतें बारिश के दिनों में पुल के अभाव में हुई हैं. मगर इस बात से ना प्रशासनिक अफसरों को फर्क पड़ा और ना ही गांव को गोद लेने वाले बालको मैनेजमेंट ने कोई पहल की. सरकारी उपेक्षा से निराश लोगों ने नाले पर खुद ही पुलिया बनाने की ठानी और श्रमदान कर चट्टानों के बीच लकड़ी का पुल बना डाला. कम से कम इस बारिश में अब किसी की जान नहीं जाएगी. बच्चे स्कूल जा सकेंगे. आदिवासी गांव की ये पहल सरकार और प्रशासनिक अफसरों को आईना दिखाने से कम नहीं है.

error: Content is protected !!
Exit mobile version