छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी का निधन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जताया शोक, मनोज मंडावी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा
रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राजधानी रायपुर और कांकेर में आज राजकीय शोक रहेगा। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
मनोज मंडावी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। शनिवार की रात धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। वहीं रविवार की सुबह उनके सीने में अचानक दर्द हुआ। जिसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया। मनोज मंडावी भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। उनके निधन के बाद से पूरे भानुप्रतापपुर में मातम छाया हुआ है। मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद नए राज्य छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के शासन काल में मंडावी पीडब्ल्यूडी और नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 2018 विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को हराया था।
मनोज मंडावी का जन्म 14 नवंबर 1964 को हुआ था। वे कांकेर जिले के नथिया नवा गांव के रहने वाले थे। उन्होंने, MA, LLB अंतिम वर्ष तक की पढ़ाई की थी। 21 फरवरी 1995 में सावित्री मंडावी के साथ उनका विवाह हुआ था। मनोज मंडावी के 2 बेटे हैं। छोटा बेटा अमन मंडावी भी राजनीति से जुड़ा है। हाल ही में वह यूथ कांग्रेस का कांकेर जिला अध्यक्ष बना है। इसके अलावा बड़ा बेटा दूसरा काम काज करता है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मनोज मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के और वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मनोज मंडावी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि मनोज मंडावी हमारे बीच नहीं रहे मैं मेरे और हमारे पार्टी के तरफ से उन्हें शत-शत नमन करता हूं श्रद्धांजलि देता हूं। आदिवासी समाज को अपूर्ण क्षति हुई है। परिवार जनों को दुख सहने की ईश्वर शक्ति दे।