छत्तीसगढ़ चॉक परियोजना : विश्व बैंक-भारत सरकार से मिली मंजूरी, 2500 करोड़ की मिलेगी सहायता
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तेजी से बदलाव लाने की दृष्टि से स्कूली शिक्षा में सुधार हेतु चॉक (CHALK) परियोजना की विश्व बैंक एवं भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इस परियोजना के दस्तावेजों पर विश्व बैंक, भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत रूप से हस्ताक्षर किए गए।
प्रथम चरण में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान
विश्व बैंक की सहायता से शिक्षा गुणवत्ता सुधार के साथ स्कूलों का कायाकल्प किए जाने का निर्णय लिया गया है, इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले चरण में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना के द्वारा अगले 5 वर्षों में (जुलाई, 2023 से सितंबर, 2028 ) विश्व बैंक द्वारा कुल 300 मिलियन डालर (लगभग 2500 करोड़ रुपए) की सहायता प्राप्त होगी। इस परियोजना के द्वारा मुख्य रूप से बच्चों की उपलब्धि में सुधार की दिशा में विभिन्न कार्य, पालकों की मांग के आधार पर स्वामी आत्मानंद की तर्ज पर उत्कृष्ट परिणाम देने वाले नए स्कूलों का प्रारंभ, प्रदेश में सुदूर अंचलों में संचालित स्कूलों की अधोसंरचना में सुधार के लिए आवश्यक समर्थन आदि कार्य किए जा सकेंगे।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
इस परियोजना के आने से राज्य में विगत चार वर्षों में शुरू किए गए विभिन्न सुधार कार्यों को गति एवं विस्तार देने में आसानी हो सकेगी तथा स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हो सकेगा। परियोजना के अंतर्गत कक्षा के स्तर अनुरूप सीखने-सिखाने से सबंधित प्रशिक्षण, शिक्षकों को अपने लिए उपयुक्त प्रशिक्षण के चयन का अवसर, उच्च प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी स्तर की कक्षाओं के लिए प्रत्येक विषय एवं अवधारणा के लिए उपचारात्मक शिक्षण, स्कूलों में प्रभावी आकलन हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बच्चों के परिणामों के विश्लेषण की व्यवस्था, उच्च क्वालिटी के टेस्ट आइटम आईसीटी एवं विज्ञान प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लासरूम की उपलब्धता अधिक संख्या में अनुसूचित जाति एवं जनजाति बसाहट वाले विकासखंडों में स्कूलों खोले जाने का प्रस्ताव जैसे कार्यों पर फोकस किया जावेगा।
इसके साथ ही स्कूल शिक्षा में बदलाव लाए जाने हेतु प्रदेश में कार्यरत स्कूल प्राचार्यों को अकादमिक एवं प्रशासनिक लीडरशिप के अलावा अन्य उपयोगी मुद्दों पर उन्हें प्रशिक्षित कर व्यवहार परिवर्तन हेतु सीमेट के द्वारा विभिन्न क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।