March 23, 2025

छत्तीसगढ़ : कोर्ट ने अभिनेता शाहरुख खान को जारी किया नोटिस, भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ा है मामला, देना होगा जवाब

SHAHRUUKH

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े एक मामले में नोटिस जारी किया है. इस मामले की शिकायत एक युवक की तरफ से की गई थी. आरोप है कि उनके विमल पान मसाला (Vimal Pan Masala), फेयर एंड हैंडसम (Fair & Handsome) और रमी (Rummy) जैसे विज्ञापन युवाओं और बच्चों को गुमराह कर रहे हैं। इस मामले में अदालत ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने पान मसाला का प्रचार किया
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि शाहरुख जैसे सेलिब्रिटी के भ्रामक विज्ञापनों से कैंसर और गरीबी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। उनका कहना है कि ये विज्ञापन समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं और बच्चों व युवाओं को प्रभावित कर रहे हैं।

कौन-कौन हैं आरोपी?
इस मामले में शाहरुख खान के अलावा कई बड़ी कंपनियों पर भी पार्टी बनाया गया है। इनमें गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Google India Private Limited), अमेज़न इंडिया (Amazon India), नेटफ्लिक्स इंडिया (Netflix India), एम्स लिमिटेड (Fair & Handsome), आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) और हेड डिजिटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (A23 Rummy) शामिल हैं।

सिविल केस नंबर 99/2025 के तहत मुकदमा रजिस्टर किया गया है। अदालत ने कहा कि इस मामले की त्वरित सुनवाई की जाएगी। शाहरुख और अन्य कंपनियों पर मानहानि (Defamation), उपभोक्ता अधिकार (Consumer Rights), बौद्धिक संपत्ति (Intellectual Property) और अन्य सिविल उल्लंघनों के आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शाहरुख और अन्य कंपनियों पर मानहानि, उपभोक्ता अधिकार (Consumer Rights), बौद्धिक संपत्ति (Intellectual Property) के आरोप लगाए गए हैं. बता दे कि एक्टर को 29 मार्च, रायपुर कोर्ट में नोटिस का जवाब देना होगा.

अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि शाहरुख खान जैसे बड़े सेलिब्रिटी को समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला लाखों लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है।

भ्रामक विज्ञापन क्यों हैं खतरनाक?
शिकायत कर्ता अधिवक्ता फैजान खान का मानना है कि ऐसे विज्ञापन युवाओं को गुमराह करते हैं और स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालते हैं। इन विज्ञापनों से कैंसर, गरीबी जैसी बीमारियों के प्रति जागरूकता का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले को न्यायपालिका के लिए एक अहम कदम बताया।\

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