छत्तीसगढ़ : गांव में एक सप्ताह पहले ही धूम-धाम से मनाई गई होली, जानिए- क्या है यहां की परंपरा
धमतरी। देशभर में इस बार होली का त्योहार यूं तो 25 मार्च को मनाई जाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सेमरा गांव (Semra Village) में रंगों का महापर्व होली एक सप्ताह पहले ही सोमवार यानी 18 मार्च को धूमधाम से मनाई गई. दरअसल, इस गांव में हर त्यौहार को एक सप्ताह पहले मनाने की परंपरा चली आ रही कई वर्षों से चली आ रही है.
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से 45 किलोमीटर दूर बसे सेमरा गांव में हर त्यौहार हफ्ते भर पहले मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. वहीं, इस सदियों पुरानी परंपरा को सेमरा गांव के बड़े बुजुर्ग के साथ युवा पीढ़ी भी निभाते आ रहे हैं. गांव के रहवासी बताते हैं कि गांव में सिरदार देव हैं, जिन्होंने गांव को एक बड़ी परेशानी से मुक्त किया था. इसके बाद सिरदार देव गांव के एक पुजारी के सपने में आए थे और उन्होंने कहा था कि गांव में कभी कोई परेशानी या आपदा नहीं आएगी, लेकिन आप लोगों को सबसे पहले मेरी पूजा करनी होगी. यही कारण है कि हर साल हर त्यौहार सेमरा गांव में एक सप्ताह पूर्व ही मना लिया जाता है.
परंपरा नहीं तोड़ना चाहते हैं लोग
सेमरा गांव के लोग इस परंपरा को कभी छोड़ना नहीं चाहते. दरअसल, इन लोगों की ऐसा विश्वास है कि अगर कोई ऐसा करता है, तो गांव में कुछ न कुछ अनहोनी जरूर होती है. लिहाजा, जब भी कुछ त्योहार आता है, तो गांव के लोग गांव में बने सिरदार देव के मंदिर में पूजा अर्चना करके एक सप्ताह पूर्व ही त्योहार मनाते हैं. खास बात ये है कि इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. केवल पुरुष वर्ग ही इस मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं.
दूसरे गांव के लोग भी देखने आते हैं यहां का त्योहार
इस गांव की सबसे अलग इस परंपरा की वजह से सेमरा गांव की पहचान भी सबसे अलग बन चुकी है. यहां बड़ी संख्या में लोग दूसरे जिलों से त्योहार देखने के लिए आते हैं. इसके साथ ही गांव के लोग भी हर त्योहार के लिए आसपास के क्षेत्र में न्योता भी देते हैं. वैसे तो होली का पर्व 25 मार्च को सभी जगह मनाया जाएगा, लेकिन सेमरा गांव में सोमवार को एक सप्ताह पूर्व ही रंगों का पर्व होली बड़े ही धुमधाम से मनाया गया. इस दौरान क्या बड़े, क्या बच्चे और महिला-पुरुष सभी डीजे के धुन पर नाचते गाते नजर आए. इस मौके पर आसपास रंग गुलाल के दुकानें भी लगी नजर आई.