दंतेवाड़ा में खुला छत्तीसगढ़ का पहला वन मंदिर, 18 एकड़ में बना गार्डन
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में तैयार किए गए वन मंदिर की शुरुआत रविवार को हुई. छत्तीसगढ़ के वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप ने इसका शुभारंभ किया. वन मंदिर की शुरुआत के बाद वन मंत्री ने इसका अवलोकन किया. इस मौके पर भारी संख्या में आए लोगों ने भी वन मंदिर में घूमकर इसका आनंद उठाया. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है कि पहली बार 18 एकड़ में वन मंदिर को बनाया गया है. इसमें कई तरह के पेड़ पौधों को संरक्षित किया गया है.
कई वनों की खासियत से बना वन मंदिर: छत्तीसगढ़ के इस वन मंदिर में अलग अलग तरह के गार्डन तैयार किए गए हैं. उनका नाम बाग के तर्ज पर रखा गया है. इसके साथ ही इसमें कई अलग अलग तरीके के वन मंदिर हैं. जो वन और बाग इसमें बनाए गए हैं उनमें आरोग्य वन, राशि वन, नव ग्रह, नक्षत्र वन, रॉक गार्डन, सप्त ऋषि वन और पंचवटी वन हैं.
18 एकड़ में बने इस वन मंदिर में 7 थीम पर काम हुए हैं. जिसमें राशि, ग्रह नक्षत्र के पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा बीमारियों के इलाज के लिए योग और औषधीय और हर्बल पौधे की जानकारी भी दी गई है. इस वन में सप्तऋषि और पंचवटी वन भी है. जिसमें प्रभु श्री राम के वनवास काल का वर्णन है. इस वन के जरिए पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया गया है. लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के बारे में भी बताया गया है. इससे लोगों को काफी फायदा होगा.- केदार कश्यप, वन मंत्री, छत्तीसगढ़
वन मंदिर की खूबियां: वन मंदिर की खूबियों की बात करें तो इसमें तितलियां, शेर, हाथी, भालू समेत विभिन्न जानवरों की 3D पेंटिंग और पोस्टर बनाए गए हैं. इसकी डिजाइनिंग शानदार तरीके से की गई है. ऐसा लग रहा है कि मानों ये खुद अपना इंट्रो दे रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए आसान और सरल शब्दों में स्लोगन भी लिखे गए हैं. जिससे आने वाली पीढ़ियों को जानकारी मिल सके. दंतेवाड़ा वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि ये देश का पहला वन मंदिर है. जो लोगों को शिक्षित और स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करेगा.
आरोग्य वन के बारे में जानिए: इस वन मंदिर में आरोग्य वन को तैयार किया गया है. जिसमें थ्रीडी के तहत लोगों को हेल्दी जानकारी दी गई है. इसके अलावा आयुर्वेद की भी जानकारी इसमें दी गई है.
नक्षत्र वन की खूबी: इसमें नक्षत्र वन भी स्थापित किया गया है. नक्षत्र के हिसाब से कौन से पेड़-पौधे होते हैं? इसका क्या लाभ है? यहां हर नक्षत्र के बारे में जानकारी और उससे संबंधित पेड़-पौधों के बारे में बताया गया है.
पंचवटी वन भी है तैयार: यहां पंचवटी वन को भी बनाया गया है. इसमें भगवान श्री राम के वनवास काल के बारे में बताया गया है. इसे बेहद ही सुंदर पेंटिंग के माध्यम से समझाया गया है.
नव ग्रह वन भी बनाया गया: इस वन मंदिर में नव ग्रह वन भी बनाया गया है. इसमें नव ग्रहों के बारे में जानकारी दी गई है. साथ ही इन ग्रहों के कौन-कौन से पेड़ या पौधे हैं उसे भी यहां लगाया गया है. सूर्य, बुध, राहु-केतु जैसे सभी ग्रहों के पेड़ पौधे लगाए गए हैं. इसकी पूरी जानकारी दी गई है. इसके अलावा पीपल और बरगद के पेड़ भी इस वन में लगाए गए हैं.
सप्तऋषि वन भी किया गया तैयार: इस वन मंदिर में सप्तऋषि वन को भी तैयार किया गया है. वेदों में सात ऋषियों को मानव जाति के पूर्वजों के रूप में पहचाना गया है. प्रत्येक ऋषि अपने साथ पौधे रखते थे. सप्तऋषि वन में लगाए गए पौधे आयुर्वेदिक और पारंपरिक दवाइयों को बनाने में काम आते हैं.
राशि वन की झलक: राशि वन भी लोगों का ध्यान खीचतें हैं. यहां राशियों के मुताबिक पेड़, पौधे, वनस्पति और लकड़ी के बारे में जानकारी दी गई है. यहां हर एक राशि के साथ उससे रिलेटेड पौधे लगाए गए हैं. कोई भी शख्स अपनी राशि के अनुसार पेड़ पौधों का पता लगा सकता है.
रॉक गार्डन भी जीत लेता है मन: रॉक गार्डन इस वन मंदिर की खासियत है. इंद्रावती नदी के पत्थर और NMDC के लौह पत्थर से इसे तैयार किया गया है.
इस वन मंदिर में बस्तरिया फूड से जुड़ा कैफे भी बनाया गया है. यहां आने वाले पर्यटकों को बस्तर के शानदार फूड का आनंद मिल सकेगा.