April 26, 2024

छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग को मिला सीएसआई-एसआईजी का ई-गवर्नेस अवार्ड

स्कूली बच्चों के आंकलन एवं अभ्यास की टेली-प्रेक्टीज को रिकग्निशन केटेगरी में मिला अवार्ड

रायपुर| छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग कां सीएसआई-एसआईजी (कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया स्पेशल इंट्रेस्ट ग्रुप) के ई-गवर्नेस अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य को यह अवार्ड स्कूली बच्चों के आंकलन एवं अभ्यास कार्य को आसान बनाने के लिए लागू टेली-प्रेक्टीज के लिए रिकग्निशन केटेगरी में प्रदाय किया गया है। प्रयागराज स्थित मोती लाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कल आयोजित 19वां सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेस अवार्ड को छत्तीसगढ़ की ओर से शिक्षा विभाग के डॉ. एम. सुधीश एवं एनआईसी की ओर से वरिष्ठ तकनीकी संचालक श्री सोम शेखर एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक श्रीमती ललिता वर्मा ने प्राप्त किया। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में आंकलन एवं अभ्यास को आसान बनाने के लिए टेली-प्रेक्टीज कार्यक्रम प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला एवं सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के आकलन एवं अभ्यास कार्य को आसान बनाने एवं आकलन की प्रक्रियाओं में आमतौर पर होने वाली विसंगतियों को दूर करने राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से टेली-प्रेक्टीज नामक कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसमें शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को टेलीग्राम में एक समूह बनाकर कार्य करना होता है। बच्चों के समक्ष प्रश्न आते-जाते हैं जिनका बिना समय गंवाए बच्चों को जवाब देना होता है। प्रत्येक बच्चे ई-जवाब का अपने आप अलग-अलग वीडियो बन जाता है। इन वीडियो को बाद में शिक्षक देखकर बच्चों का आकलन कर सकते हैं। इसी प्रकार बच्चे अपने उत्तर वाले वीडियो देखकर अगली बार अपनी त्रुटियों को सुधार कर सही उत्तर चुनकर अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।

टेली-प्रेक्टीज कार्यक्रम पूर्णतः छत्तीसगढ़ में एनआईसी छत्तीसगढ़ के सहयोग से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है। इसमें उपयोग में लाए जाने वाले प्रश्न भी यहाँ के शिक्षक ही तैयार करते हैं। विभिन्न संस्थाओं ने राज्य में प्रचलित टेली-प्रेक्टीज को देखा है और उन्हें बच्चों के अभ्यास एवं शिक्षकों के आंकलन संबंधी कार्यों को आसान करने हेतु उपयोगी पाया है। इसे एनआईसी से उनके वरिष्ट तकनीकी संचालन श्री सोम शेखर के नेतृत्व में तैयार किया गया है। राज्य में इसकी पायलटिंग समग्र शिक्षा से डॉ. एम. सुधीश के निर्देशन में की गयी है। 

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