November 15, 2024

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अंतरित किए 5 करोड़ 60 लाख की राशि 

जैविक खाद के उपयोग से मुलायम हो रही है खेत की मिट्टी, मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजाना की प्रगति की समीक्षा की

किसानों ने माना खेतों की जुताई और रोपाई में हो रही आसानी, गौ-मूत्र से बेहतर क्वालिटी का कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और जीवामृत तैयार करें

ब्रम्हास्त्र और जीवामृत के उपयोग को बढ़ावा देने फसल प्रदर्शन के निर्देश, गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 5.60 करोड़ रूपए की राशि जारी

रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दोपहर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत राशि अंतरण कार्यक्रम के मौके पर कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर योजना की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने माना है कि जैविक खाद के उपयोग से खेती की मिट्टी मुलायम हो रही है। इससे चालू खरीफ सीजन में खेत की जुताई और धान की रोपाई में आसानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने गौठानों में निर्मित जैविक खाद की गुणवत्ता को बनाए रखने के साथ ही अब गौ-मूत्र से बेहतर क्वालिटी का कीटनाशक तथा ग्रोथ प्रमोटर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-मूत्र कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और ग्रोथ प्रमोटर जीवामृत को किसानों के बीच प्रमोट करने के लिए कृषि विभाग द्वारा फसलांे में इसके उपयोग का जगह-जगह प्रदर्शन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 5 करोड़ 60 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन जारी की, जिसमें गोबर विक्रेताओं को 02 करोड़ 17 लाख रुपए, स्व सहायता समूहों को 01 करोड़ 37 लाख रुपए और गौठान समितियों को 02 करोड़ 07 लाख रुपए की राशि शामिल है। गोधन न्याय योजना के तहत अब तक कुल 311 करोड़ 94 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है,  जिसमें 2 रूपए किलो की दर से गोबर तथा 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। इस योजना में अभी तक 155 करोड़ 58 लाख रुपए की गोबर खरीदी की जा चुकी है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को आज तक 156.36 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। महिला समूहों द्वारा 17 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 19 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18 हजार 924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है। इस उत्पादित खाद को सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने से भूमि की उर्वरा शक्ति बेहतर होगी। खेती की लागत में कमी आएगी और बेहतर क्वालिटी का विषरहित खाद्यान्न उपलब्ध होने से लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत जिन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए की गई थी, वह सभी लक्ष्य बहुत कम समय में हासिल होने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ का गौरव बन चुकी है। इस योजना की देशभर में सराहना हो रही है। आने वाले समय में इस योजना से और भी ज्यादा उपलब्धियां हासिल होंगी। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री प्रदीप शर्मा एवं श्री राजेश तिवारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अयाज तम्बोली, उद्यानिकी संचालक श्री माथेश्वरी व्ही., संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं श्रीमती चंदन त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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