November 15, 2024

जिले में वित्तीय समावेशन के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर को मिला स्कॉच मेरिट अवॉर्ड

हमर बैंक – हमर दुवारके लिए सेमीफाइनलिस्ट में शामिल हुआ धमतरी जिला
वीडियो कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर ने बताया, बैंक सखियों के जरिए दो साल में हुआ 56.14 करोड़ का लेनदेन
धमतरी| जिले में वित्तीय समावेशन के तहत ‘हमर बैंक, हमर दुवार‘ की थीम पर बैंक सखियों द्वारा दुर्गम क्षेत्रों बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने तथा पहुंच आसान करने के लिए जिले के कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा को स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट के द्वारा सेमीफाइनलिस्ट के तौर पर अवार्ड से नवाजा गया है। आज सुबह 10 बजे से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर ने वित्तीय समावेशन के अंतर्गत बैंक सखियों को प्रशिक्षण देकर जिले के दुर्गम क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा आसान बनाते हुए शासन की विभिन्न योजनाओं का निर्बाध क्रियान्वयन कर आर्थिक सेवाओं को सुगम बनाया गया।
एनआईसी कक्ष में आज सुबह आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर श्री एल्मा ने बताया कि चूंकि शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हितग्राहियों का स्वयं का बैंक खाता होना अनिवार्य है जो जिले के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य था। इससे निबटने के लिए बैंक सखी एवं व्हीएलई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित कि गया। इसके अलावा स्थानीय युवाओं का चयन कर बैंकिंग एवं रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट द्वारा उन्हें प्रशिक्षण देकर ग्राम स्तर पर ही बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि बी.सी. सखी जिन्हें ‘हमर बैंक, हमर दुवार‘ का नाम दिया गया, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वसहायता समूह की सदस्य एवं बैंक फेसिलिटेटर के रूप में बैंकिंग, वित्तीय एवं डिजिटल सेवाएं प्रदान कर रही हैं। कलेक्टर ने बताया कि जिले में मुख्यतः इसके तीन मॉडल तैयार कर क्रियान्वयन किया गया, जिसमें कियोस्क मॉडल, माइक्रो एटीएम अथवा पॉस मॉडल और मोबाइल बैंकिंग मॉडल अपना गया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि कियोस्क मॉडल के तहत एमआरएलएम मद से बीसी सखी को इसकी स्थापना के लिए 68 हजार रूपए ऋण देकर लैपटॉप या डेस्कटॉप माध्यम से प्रत्यक्ष तौर पर संबंधित बैंक के एप्लीकेशन/सर्वर से जुड़कर बैंकिंग सेवाएं देती हैं। इसी तरह माइक्रो एटीएम अथवा पॉस मॉडल में बैंक सखी को 68 हजार तक का लोन देकर माइक्रो एटीएम स्थापित कर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा मोबाइल बैंकिंग मॉडल के तहत बी.सी. सखी के द्वारा बैंक का एप अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर जमा, निकासी अथवा राशि हस्तांतरण जैसे कार्य किए जाते हैं। मोबाइल बैंकिंग की स्थापना में लगने वाले हार्डवेयर (मोबाइल, बॉयोमेट्रिक डिवाइस) आदि के लिए एनआरएलएम द्वारा 15 हजार रूपए तक का ऋण प्रदाय किया जाता है।
कलेक्टर ने जिले में वित्तीय समावेशन पर जानकारी देते हुए आगे बताया कि इसके लिए महिलाओं को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के माध्यम से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एण्ड फायनेंस द्वारा आयोजित परीक्षा आयोजित की जाती है , जिसमें उत्तीर्ण कर महिलाओं का इन सेवाओं के लिए चयन किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के दौर में जहां वित्तीय संस्थान बंद थे, ऐसे समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुचारू संचालन में ‘हमर बैंक हमर दुवार‘ से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली और आर्थिक कार्यों को गति मिली। कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिले में पिछले दो वर्षों में बैंक सखी और व्हीएलई के जरिए विभिन्न योजनाओं का 56.14 करोड़ रूपए के प्रत्यक्ष लेनदेन का लाभ मिला, जिसमें मनरेगा मजदूरी भुगतान, पेंशन भुगतान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, उज्ज्वला योजना के तहत भुगतान सहित फण्ड ट्रांसफर सहित अन्य लेनदेन आदि शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि जिले की इन वित्तीय गतिविधियों की काफी सराहना हुई तथा उक्त नवाचार के लिए आज कलेक्टर को ‘‘डिजिटल फिनांशियल लिटरेसी थ्रू हमर बैंक हमर दुवार‘‘ के लिए सेमीफाइनलिस्ट में शामिल होने के लिए अवॉर्ड के तौर पर ‘स्कॉट ऑर्डर ऑफ मेरिट‘ के द्वारा सर्टिफिकेट प्रदाय किया गया।

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