December 26, 2024

संतरे की खेती के लिए व्यापक योजना तैयार, स्टडी टूर पर ऑरेंज सिटी भेजे जाएंगे किसान

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प्रतीकात्मक तस्वीर

भोपाल। मध्य प्रदेश में ‘एक जिला-एक उत्पाद” के तहत उद्यानिकी फसल संतरे के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार सज्ज है. संतरे की खेती को बढ़ावा देने के लिए न केवल किसानों को ट्रेनिंग दिया जाएगा, बल्कि संतरों की फसलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी।

नागपुर में एग्रो विजन राष्ट्रीय कृषि मेले में एक वर्कशॉप में पहुंचे उद्यानिकी व खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि संतरों के वृहद उत्पादन के लिए विस्तृत कार्य-योजना तैयार की जाएगी. जिला व संभाग लेवल पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना होगी. इससे किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिल सकेगा.

परंपरागत खेती के स्थान पर कैश क्रॉप के प्रति आकर्षित हुए हैं किसान
मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने बताया कि मध्य प्रदेश के किसान भाई परंपरागत खेती के स्थान पर कैश क्रॉप के प्रति आकर्षित हुए हैं, इसलिए सरकार का प्रयास है कि उद्यानकी फसल मसलन संतरों की खेत करने वाले किसानों को फसल का सही दाम मिल सके. इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट और मार्केटिंग का काम प्राथमिकता के साथ किया जाएगा.

नागपुर की तरह मध्य प्रदेश में वृहद स्तर पर होगी संतरे की खेती
नागपुर में बड़े पैमाने पर हो रही जैविक संतरे की फसल का अवलोकन करने के बाद मंत्री कुशवाहा ने कहा कि मध्य प्रदेश में संतरे का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है. संतरे की फसल को और बेहतर बनाने के लिए प्रदेश के किसानों को नागपुर के स्डडी टूर पर भेजा जाएगा, ताकि किसान जैविक संतरे की उत्पादन प्रक्रिया को देख और समझ सकें.

मध्य प्रदेश देश में संतरा, टमाटर, धनिया, लहसुन और मसाला फसलों के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है. सरकार खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहित कर रही है. प्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के अंतर्गत 5 वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है.

प्रदेश में एक वर्ष बढ़ी प्रधानमंत्री सूक्षम खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की अवधि
गौरतलब है प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रगति को देखते हुए भारत सरकार द्वारा प्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्षम खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की अवधि एक वर्ष और बढ़ा दी है. यह योजना प्रदेश में अब मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी. योजना में खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में काम करने वाली निजी इकाइयों को 35% या अधिकतम 10 लाख रुपए तक अनुदान मिलता है.

20 वर्षों में प्रदेश में बढ़ा कृषि उत्पादन, सिंचाई सुविधाओं का हुआ विस्तार
मंत्री कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश में उद्यानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पिछले 20 वर्षों में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया गया है. यही नहीं, खेती-किसानी को सस्ती दर पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में कृषि उत्पादन बड़ा है.

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