कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव व मुख्यमंत्री के सलाहकार ने राज्यपाल अनुसूइया उइके को लिखा पत्र
०० राजेश तिवारी ने राज्यपाल को केंद्र सरकार की अधिसूचना से वन कानून में हुए बदलाव को छत्तीसगढ़ में लागू होने से रोकने की मांग की
रायपुर| कई मुद्दों पर राजभवन के एक्शन का विरोध कर चुकी कांग्रेस ने अब राज्यपाल को उनके विशेषाधिकार की याद दिलाने की कोशिश शुरू की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी ने राज्यपाल अनुसूइया उइके को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने राज्यपाल को केंद्र सरकार की अधिसूचना से वन कानून में हुए बदलाव को छत्तीसगढ़ में लागू होने से रोकने की मांग की गई है।
राजेश तिवारी ने इस पत्र में लिखा है, केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितों के खिलाफ जाकर 28 जून को एक अधिसूचना जारी की है। इसकी कंडिका 3 और 6 में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति में तीन अशासकीय सदस्य रखने का प्रावधान है। वहीं कंडिका 8 में परियोजना जांच समिति गठित करने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है।
इस समिति में किसी भी विशेषज्ञ अशासकीय सदस्य को रखने का प्रावधान नहीं है। पहले जो नियम था उसकी कंडिका 3 में विशेषज्ञ अशासकीय सदस्य रखने की व्यवस्था थी। राजेश तिवारी ने अपने पत्र में दावा किया है कि केंद्र सरकार के नए नियम वन अधिकारी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसकी वजह से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इससे उनके मूलभूत अधिकार समाप्त हो जाएंगे। तिवारी ने लिखा है कि “इस मामले का संज्ञान लेकर मुद्दे से राष्ट्रपति को अवगत कराएं। वहीं संविधान की पांचवी अनुसूची से मिले विशेष अधिकार का इस्तेमाल कर इस अधिसूचना को प्रदेश में लागू होने रोकने का कष्ट करें।’