November 15, 2024

सनातन पर प्रहार सह नहीं पाए कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता, पहले टिकट लौटाया, अब पार्टी छोड़ी

अहमदाबाद। कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी। रोहन गुप्ता ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा भेजा और साथ ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगाए। इसके अलावा उन्होंने अपने पोस्ट में कांग्रेस से इस्तीफा देने की वजह भी बताई है। बता दें कि इससे पहले रोहन गुप्ता ने अहमदाबाद (पूर्व) लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का निर्णय लिया था।

‘2 साल से मानसिक आघात से गुजरा हूं, मेरे पूरे परिवार ने देखा’
रोहन गुप्ता ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को लिखी चिट्ठी में बताया, ”मैं पिछले तीन दिनों से अपने पिता की खराब स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहा हूं। जिससे मुझे वास्तव में उनके दृष्टिकोण को समझने में मदद मिली। उन्होंने पिछले 40 वर्षों में पार्टी में विश्वासघात और तोड़फोड़ की घटनाओं का वर्णन किया। उन घटनाओं के घाव अभी भी ठीक नहीं हुए हैं। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह नहीं चाहते कि मैं भी कांग्रेस में रहकर उनकी तरह पार्टी के नेताओं के विश्वासघात की कीमत चुकाऊं, क्योंकि पिछले दो वर्षों से मैं जिस मानसिक आघात से गुजरा हूं, उसे मेरे पूरे परिवार ने देखा है, जो कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े वरिष्ठ नेता के कारण हुआ था। मेरे पिता मेरे साथ वही सब घटित होने की कल्पना कर रहे थे जो मैं नहीं कर सकता था।”

‘मेरी विनम्रता को मेरी कमजोरी न समझा जाए’
रोहन गुप्ता ने आगे बताया कि, ”उन्होंने इसे सहन किया और अंततः अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया और बायपास सर्जरी करा ली, ऐसे में वह कभी नहीं चाहते थे कि मेरे साथ भी ऐसा हो। हम दोनों योद्धा हैं और पिछले 40 वर्षों से अपनी-अपनी भूमिकाओं में पार्टी के लिए विभिन्न लड़ाइयां सफलतापूर्वक लड़ रहे हैं। मैं किसी चीज़ से नहीं डरता हूं। लेकिन जब मुझे धोखा देने की सुनियोजित साजिश का पता चला तो मैंने आवाज उठाने की कोशिश की। मेरी विनम्रता को मेरी कमजोरी न समझा जाए। मैंने अपनी लोकसभा उम्मीदवारी वापस लेने का अपने जीवन का सबसे कठिन निर्णय लिया था। अब मैं कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े नेता द्वारा लगातार अपमान और चरित्र हनन के कारण पिछले 15 वर्षों तक पार्टी की सेवा करने के बाद पार्टी छोड़ने का एक और सबसे कठिन निर्णय ले रहा हूं। जिस व्यक्ति ने पिछले दो वर्षों से मुझे अपमानित किया है, जो व्यक्ति पिछले तीन दिनों से ऐसा करने से नहीं चूक रहा है, मुझे यकीन है कि वह भविष्य में भी ऐसा करने से बाज नहीं आएंगे और कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा। लेकिन अब मैं अपने आत्मसम्मान पर कोई ठेस सहने के लिए तैयार नहीं हूं।”

‘सनातन धर्म के अपमान से मनोबल टूटा’
रोहन गुप्ता ने कहा कि अब मेरा मनोबल मुझे पार्टी में बने रहने की इजाजत नहीं देता। कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़े उस नेता ने अपने अहंकारी और असभ्य व्यवहार से पार्टी को भी नुकसान पहुंचाया है। अपनी चरम वामपंथी मानसिकता के कारण उन्होंने सनातन धर्म के अपमान पर पार्टी की चुप्पी सुनिश्चित की, जिससे मुझे व्यक्तिगत रूप से ठेस पहुंची। इससे पार्टी की छवि और पार्टी के नेताओं के मनोबल को काफी नुकसान हुआ है। नेतृत्व को इस तरह के नेताओं की ऐसी गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो ईमानदार कार्यकर्ताओं और नेताओं का अपमान करते हैं और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर करते है। कुछ लोगों को यहां साजिश नजर आ सकती है लेकिन मेरे करीबी लोग मेरा दृष्टिकोण समझेंगे।”

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