गरीबों का चावल खा गए कांग्रेसी : चंद्राकर का दावा- जवाब न देना पड़े इसलिए एक दिन पहले विधानसभा का सत्र खत्म करवा दिया
रायपुर। सोमवार को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने धान खरीदी और चावल उत्पादन मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरा। राजधानी के एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में उन्होंनें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के दौरे का जिक्र करते हुए बयान दिए।
केंद्रीय मंत्री गोयल 15 सितंबर को रायपुर आए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में अनाज की बड़ी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने भारतीय खाद्य निगम, रायपुर (FCI) के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्रवाई करने काे भी कहा था। इसे लेकर चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न की डकैती हुई है। कांग्रेस सरकार के संरक्षण में डकैती हो रही चावल की। यदि नहीं हो रही है तो किस दुकान से कितना शॉर्टेज चावल मिला, किसपर क्या कार्रवाई किए इसकी जानकारी दें।
प्रदेश में कुल मिलाकर गरीबों का शोषण, गरीबों के अनाज की लूट हो रही है। कोविड काल में राज्य केंद्र का हिस्सा मिलाकर गरीबों को 15 किलो चावल दिया जाना था। मगर लोगों को 10-10 किलो चावल दिया गया। वो 5 किलो चावल कांग्रेस के भ्रष्ट लोग खा गए। क्या कांग्रेस इसकी जांच का एलान करेगी।
चंद्राकर ने कहा चावल गड़बड़ी का मामला विधानसभा में भी उठा, 24 मार्च को विधानसभा में जांच रिपोर्ट पटल पर रखी जानी थी। षडयंत्र पूर्वक 23 तारीख को सत्रावसान कर दिया गया। जवाब न देना पड़े इसलिए ऐसा किया।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने ये कहा था
आसपास के इलाके से धान लेकर पैसे खाने की राज्य सरकार कोई स्कैम चला रही है ऐसा लग रहा है। चुनाव के समय कोई बड़ा स्कैम करने जा रही है, पैडी मामले में जरूर घोटाला करने जा रही है राज्य सरकार। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की बायोमेट्रिक इंट्री करने से इंकार किया है, इसमें भी कोई न कोई गड़बड़ी लग रही है. बिचौलियों को फायदा पहुंचना चाहती है प्रदेश सरकार।
CM बघेल ने दिया था जवाब
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल की पीसी और आरोप पर सीएम बघेल का पलटवार सामने आया। रायपुर में सीएम ने कहा- पिछले समय भी केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम जांच कर चली गई. केवल आरोप लगाने आए है, उनकी बातों में दम नहीं है. सभी चीज हमने आधार कार्ड से लिंक की हुई है. राज्य सरकार ने राशन दुकानों का संज्ञान लिया, उसपर कार्रवाई की. चुनाव के लिए अब यह आरोप लगा रहे है. उनकी स्थिति केवल यही है।