कॉमेडियन रचित के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की इजाजत
नई दिल्ली। भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कानून के एक छात्र को कॉमेडियन रचिता तनेजा के खिलाफ रिपब्लिक टीवी एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किए गए ट्वीट के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है.
रचिता तनेजा द्वारा चलाए जा रहे ट्वीटर हैंडल सैनेटरी पैनल्स पर एक कार्टून पोस्ट किया गया, जिसमें भाजपा, अर्नब गोस्वामी और सुप्रीम कोर्ट की तस्वार बनाई गई है और इस पर लिखा है, ‘तू जानता नहीं मेरा बाप कौन है’.
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट की एक तस्वीर पोस्ट की गई है, जिस पर लिखा है, ‘भारत का संघी कोर्ट’.
अवमानना के लिए सहमति व्यक्त करते हुए अटॉर्नी जनरल ने लिखा है कि ट्वीट स्पष्ट रूप से यह कहते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी के प्रति पक्षपाती है.
दूसरे ट्वीट के लिए उन्होंने लिखा कि यह ट्वीट दर्शाता है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य का एक निष्पक्ष अंग बनना बंद कर दिया है.
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह ट्वीट स्पष्ट रूप से भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता और निष्पक्षता में जनता के विश्वास को कम करने के लिए गणना करता है.
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने आत्महत्या के एक मामले में अर्नब को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया था.
उल्लेखनीय है कि अदालत ने छुट्टी होने के बावजूद मामले की सुनवाई की और अर्नब को जमानत भी दे दी. इस फैसले ने कई विवादों को जन्म दिया, क्योंकि विभिन्न पत्रकार और कार्यकर्ता जेल में बंद हैं और अदालत उन्हें कोई राहत नहीं दे रही है.