सिटी बस निविदा लगातार निरस्त होना एक सुनियोजित साजिश : विक्रांत तिवारी
बिलासपुर में सिटी बस शुरू करने संघर्षरत आजाद मंच ने दी तीखी प्रतिक्रिया
4 माह से हमारे आंदोलन को रोकने शासन सिर्फ आश्वासन दे रहा है पर सिटी बस चलाने गंभीर नहीं, जनता लगातार परेशान
नियमों के मामूली संशोधन से अगर पूरे बिलासपुर की जनता को सुविधा मिलती है तो शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए
शासन का 28 अगस्त का आश्वासन अंतिम उसके बाद लगातार आंदोलनरत रहेगा आजाद मंच
बिलासपुर| स्मार्ट सिटी बिलासपुर में विगत 2 सालों से अधिक समय से बंद सिटी बस आज दिनांक तक चालू ना होना जनता के लिए एक बड़ी आफत साबित हो रहा है शासन और सिटी बस संचालन समिति द्वारा जारी निविदा का 17 अगस्त को दोबारा निरस्त हो जाना शासन की जनता के प्रति जवाबदारी पर सवालिया निशान खड़ा करता है बिलासपुर जिले के सभी विधानसभाओं में जोकि रेल मार्ग से जुड़ी नहीं है वहां के नागरिकों के लिए जिला मुख्यालय आना जाना सिटी बस से सुलभ,आसान,और सस्ता था। कोटा ,रतनपुर ,मस्तूरी ,सीपत, तखतपुर ,कोनी ,बिल्हा सभी जगह से नागरिक कम किराया देकर बिलासपुर अपनी स्वास्थ्य एवं अन्य जरूरतों के लिए आ सकते थे जो कि विगत 2 सालों से बंद है और नागरिकों को ज्यादा किराया देकर आने मजबूर होना पड़ रहा है। बिलासपुर में सिटी बस पुनः संचालित करने हेतु लगातार संघर्षरत और इस मुद्दे को उठाने वाले आजाद मंच ने दोबारा सिटी बस निविदा निरस्त होने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है ।
आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी ने निविदा निरस्त होने को साजिश करार देते हुए कहा की पिछले 4 माह से हमें और बिलासपुर की जनता को सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है हमारे आंदोलन के उपरांत दबाव में सरकार ने सिटी बस संचालित करने का आदेश तो पारित कर दिया किंतु पिछले 4 माह में इसके प्रति गंभीरता शासन और सिटी बस संचालन समिति नहीं दिखा पाई है। मंच प्रमुख विक्रांति तिवारी ने कहा की दो बार निविदा निरस्त होना यह बताता है कि कहीं ना कहीं निविदा की शर्तों में परिवर्तन की गुंजाइश है और दूसरी बात कि जब निविदा पूर्व प्री बिडिंग मीटिंग रखी गई थी तो उसके बाद भी निविदा में किसी का भाग ना लेना यह दर्शाता है कि वह मीटिंग बस संचालन करवाने के लिए नहीं सिटी बस की निविदा निरस्त करवाने के लिए रखी गई थी, पिछले 2 सालों में आम जनता के जेब का पैसा निजी बस संचालकों को 3 गुना 4 गुना किराया दे दे कर बिचौलियों और कमीशन खोरो में बट रहा है जिस कारण आम जनता की मूलभूत सुविधा को देने राज्य सरकार और बिलासपुर का प्रशासन बिल्कुल गंभीर नहीं है ।
आजाद मंच सिटी बस बिलासपुर में पुनः शुरू कराने वचनबद्ध है, जिम्मेदार अधिकारी को ज्ञापन और भरी ठंड में 24 घंटे के धरने के उपरांत आनन-फानन में जिंदा हुई सिटी बस संचालन की फाइल लगातार निविदा निरस्त करा करा कर घुमाई जा रही है । पिछले 4 माह से हमारे आंदोलनों को रोकने शासन सिर्फ आश्वासन देकर हमें रोक रहा था किंतु अब शासन ने जो तीसरी बार निविदा के लिए 28 तारीख निर्धारित की है वह हम अंतिम आश्वासन के रूप में लेते हैं अगर 28 तारीख के उपरांत भी सिटी बस संचालन समिति इसी रवैया को अपनाकर निविदा को निरस्त करवाती रहेगी तो सिटी बस संचालित होने तक आजाद मंच आंदोलनरत रहने मजबूर होगा। आजाद मंच प्रमुख ने कहा की अगर मामूली परिवर्तन शर्तों में करके बिलासपुर की आम जनता को सुविधा मुहैया कराई जा सकती है तो निश्चित रूप से उक्त परिवर्तन को तत्काल प्रभाव से करना चाहिए ताकि हमारे बिलासपुर के आसपास के ग्रामीण इलाकों से आने वाले आमजन सस्ती यातायात सुविधा का लाभ तत्काल उठा पाए जो कि विगत दो-तीन सालों से बंद है।