April 7, 2025

कोरोना : अमेरिका की 6 यूनिवर्सिटी के 200 स्टूडेंट्स संक्रमित, स्कूलों के 2000 से ज्यादा बच्चे क्वारंटाइन

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वाशिंगटन।  अमेरिका  की 6 यूनिवर्सिटी में 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स संक्रमित  पाए गए हैं. इसके आलावा अमेरिका के पांच राज्यों के स्कूलों के 2000 से ज्यादा बच्चों को क्वारंटाइन किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा में सबसे ज्यादा 175 स्टूडेंट संक्रमित मिले हैं. दूसरे नंबर पर यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रेडेम है, जिसके 80 से ज्यादा स्टूडेंट्स की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. जॉर्जिया के चेरोकी काउंटी स्कूल के सबसे ज्यादा 1100 बच्चों को क्वारंटाइन किया गया है. अमेरिका में 3 अगस्त को स्कूल और कॉलेज दोबारा खोलने की इजाजत दी गई थी जिसके बाद से लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक सिर्फ अकेले अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ 15 लाख तक पहुंचने की आंशका है और इतना ही नहीं इस दौरान चार लाख लोगों की मौत की आशंका भी है. 

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WHO ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 20 से लेकर 40 साल के युवा कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फैला रहे हैं, उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेडरस एडनॉम गैब्रिएसिस कहते हैं, ‘हमारे सामने ये चुनौती रहती है कि युवाओं को कोरोना वायरस के ख़तरे के बारे में कैसे समझाएं. हमने पहले भी ये कहा है और अब भी कहते हैं कि युवाओं की भी कोरोना से जान जा सकती है और वो दूसरों में भी इसे फैला सकते हैं.’ इंग्लैंड से लेकर जापान और जर्मनी से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक कई देशों में नौजवानों को कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. कई अधिकारियों का कहना है कि इस उम्र के लोग लॉकडाउन में बोर हो गए हैं इसलिए अब वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करते हुए बाहर निकल रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन में यूरोप के लिए रीजनल डायरेक्टर डॉ. हांस क्लूज ने बीबीसी को बताया, ‘हमें नागरिक और स्वास्थ्य अधिकारियों से रिपोर्ट मिली है कि संक्रमण के नए मामलों में सबसे ज़्यादा संख्या युवाओं की है. हालांकि, फिलहाल इसके स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं.’ 

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि बड़ी संख्या में नौजवान अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी भी करते हैं. कई क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें काम शुरू हो गया है इसलिए नौजवान काम के लिए भी बाहर निकल रहे हैं. इंग्लैंड में ग्रेटर मैनचेस्टर के डिप्टी-मेयर रिचर्ड लीस ने पिछले हफ़्ते पत्रकारों से कहा था, ‘नौजवानों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है.’ इसे देखते हुए सरकार ने स्थानीय लॉकडाउन भी लागू किया था. लीस ने कहा था कि शहर में ज़्यादातर नए संक्रमण नौजवानों में पाये जा रहे हैं. कई लोग ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे महामारी ख़त्म हो चुकी है. वो घरों में होने वालीं पार्टियों या गैर-क़ानूनी रेव पार्टियों में जा रहे हैं. 


टोक्यो में कोरोना वायरस के मामलों में तेज़ी की एक वजह यह मानी जा रही है कि युवाओं ने अब बार में जाना शुरू कर दिया है. जापान में 20 और 29 साल के लोगों में सबसे ज़्यादा संक्रमण पाया गया है. इसी तरह की स्थिति ऑस्ट्रेलिया में भी देखी गई है. अब ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया में लोगों को ज़रूरी कामों को जैसे खाने का सामान, किसी देखभाल, कसरत और काम के लिए बाहर जाने की इजाजत दी गई है. वो भी तब जब ये काम घर से ना हो पाएं. साथ ही रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ़्यू भी लगाया गया है. यूरोप में गर्मियों की छुट्टियां मनाने के लिए पसंदीदा जगहों बार्सेलोना से लेकर उत्तरी फ्रांस और जर्मनी में मामलों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में स्पेन और जर्मनी ने भी नाइट कर्फ़्यू लगा दिया है. फ्रांस मे भी 15 और 44 साल के लोगों में कोरोना वायरस के मामलों में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी हुई है. 

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