December 23, 2024

सरकारी कर्मचारियों का अवैध संबंध अपराध : महिला आयोग में हुई सुनवाई, शिक्षक-शिक्षिका को निलंबित करने डीईओ को भेजा गया पत्र, जानिए पूरा मामला…

image-58-12

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में आज 272वीं सुनवाई हुई. रायपुर जिले में कुल 131वीं जनसुनवाई हुई. अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित कई प्रकरणों पर सुनवाई की. महिला आयोग के एक प्रकरण में शासकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिका के बीच अवैध संबंध का मामला सामने आया, जिसमें पहली बार दोनों कर्मचारियों ने अवैध संबंध स्वीकार भी किया गया. इसे अपराध मानते हुए दोनों कर्मचारियों को निलंबित करने डीईओ को पत्र भेजा गया.

बता दें कि शासकीय सेवा में रहते हुए अवैध रिश्तों में रहना कानूनी अपराध है, जिसे देखते हुए दोनों अनावेदकों को सेवा से निकालकर उसकी विस्तृत जांच करने मुंगेली व बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा गया. वहीं अनावेदिका को सुधरने का मौका देकर 2 माह के लिए नारी निकेतन भेजे जाने का आयोग ने आदेश जारी किया.

दरअसल आवेदिका ने अपने पति के अवैध संबंध को लेकर आयोग में प्रकरण दर्ज कराया था. आवेदिका के पति शासकीय विद्यालय में शिक्षक है, जिसका अवैध संबंध उसी विद्यालय में नियुक्त शिक्षिका के साथ था, जो दोनों अनावेदकों द्वारा स्वीकार किया गया. इसके साथ ही आवेदिका का पति पिछले 3 वर्षों से अपनी पत्नी व बच्चों से अलग रह रहा है. आवेदिका के 12 और 9 साल के दो बच्चे हैं. 62 हज़ार वेतन होने के बावजूद अपने बच्चों का भरण-पोषण नियमित खर्च उठाने आयोग ने अनावेदक में आनाकानी देखी. आयोग ने दोनों ही अनावेदकों को शासकीय सेवा में अवैध संबंध के अपराध होने की जानकारी पर प्रश्न किया , जिस पर दोनों ने ही जानकारी होना स्वीकारा.

शासकीय सेवा में रहते हुए अवैध रिश्तों में रहना कानूनी अपराध : किरणमयी
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया, छत्तीसगढ़ के आधे से अधिक प्रकरण राजधानी से आते हैं, जिसमें लगातार अवैध संबंधों के मामले बढ़ रहे हैं. आज आयोग का पहला प्रकरण ऐसा था, जिसमें शासकीय सेवा में कार्यरत अनावेदकों ने अवैध संबंध स्वीकारा है. शासकीय सेवा में रहते हुए अवैध रिश्तों में रहना कानूनी अपराध है और आज आवेदिका का प्रकरण साबित होने पर आयोग ने मामले में सख़्ती दिखाते हुए अनावेदकों के मुंगेली और बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबन के लिए पत्र भेजा गया. दोनों के खिलाफ जांच की जाएगी और आगे चलकर दोनों शासकीय कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जा सकता है.

error: Content is protected !!