CSPDCL का अनुरोध : सिर्फ रोशनी वाले उपकरण ही बंद करें…नहीं तो असंतुलित हो सकती है बिजली आपूर्ति
रायपुर । पावर सेक्टर के एक्सपर्ट्स इंजीनियरों का मानना है कि एकाएक विद्युत चलित उपकरणों के बंद होने से विद्युत प्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए आमजन केवल केवल अपने अपने घरों की लाइटें ही बंद करें । अन्य उपकरण जैसे कि पंखे ,एसी आदि जारी रख सकते हैं।
बता दे की कोरोना संकट के बीच देशवासियों को एकजुटता के साथ इसके संक्रमण से बचने और प्रतिकूल परि स्थितियों में धैर्यता बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को प्रेरित कर रहे हैं। शुक्रवार की सुबह जारी वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए नया आह्वान किया है। उन्होंने 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए कोरोना को चुनौती देने के लिए देश से वक्त मांगा है।
उन्होंने कहा है कि सभी 130 करोड़ देशवासी रात में 9 बजे घरों की सभी लाइट को बंद कर 9 मिनट अपने घरों की बालकनी में एक दीया, टार्च की रोशनी या फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट जलायें। ऐसा करके हम देश को संदेश दे सकते है कि कोरोना के खिलाफ जंग में कोई भी अकेला नहीं है। पूरा देश एक साथ खड़ा है।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज के अतिरिक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क विजय मिश्रा ने बताया कि आम जनों ने संशय ब्यक्त किया है कि एकाएक विद्युत चलित उपकरणों के बंद होने से विद्युत प्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है।
इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि पावर सेक्टर के एक्सपर्ट्स इंजीनियर ने अपना मत दिया है कि आमजन केवल अपने अपने घरों की लाइटें ही बंद करें ।अन्य उपकरण जैसे कि पंखे ,एसी आदि जारी रख सकते हैं, दरअसल एक्सपर्ट्स टीम का भी मानना है की लाइटों के साथ-साथ अन्य उपकरणों को एकाएक देशभर में भी बंद करने की स्थिति में विद्युत प्रणाली पर लोड कम ज्यादा हो सकता है। ऐसी स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए उचित होगा कि प्रधानमंत्री के संदेशों का पालन करते हुए देशवासी केवल बल्ब, ट्यूबलाइट या अन्य प्रकाश देने वाले उपकरणों को ही बंद रखे।