नक्सली संगठनों को बड़ा झटका! 26 माओवादियों में छोड़ा नक्सलवाद का रास्ता, जवानों के सामने किया सरेंडर

दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाबल के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबल के जवानों के सामने 26 नक्सलियों को सरेंडर कर दिया है। जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू (अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान से प्रभावित होकर तीन इनामी माओवादियों समेत 26 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से राजेश कश्यप आमदई एरिया जनमिलिशिया का कमांडर था। उसके सिर पर तीन लाख रुपये का इनाम था।
मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह नक्सली कोसा माड़वी जनताना सरकार का अध्यक्ष था। उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम है। नक्सली छोटू कुंजाम चेतना नाट्य मंच (सीएनएम) का सदस्य था। उसके सिर पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है।
अधिकारियों ने बताया कि इन नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर तथा संगठन में अमानवीय बर्ताव, आधारहीन विचारधारा और शोषण से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया । उन्होंने बताया कि जिले में लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 224 इनामी माओवादियों सहित कुल 953 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। नक्सलियों का सरेंडर कराने में आरएफटी (आसूचना शाखा) दंतेवाड़ा, 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ, 195वीं वाहिनी सीआरपीएफ, 230वीं वाहिनी सीआरपीएफ, एवं 231वीं वाहिनी सीआरपीएफ दंतेवाड़ा का विशेष योगदान रहा।
50 हजार की मिलेगी सहायता राशि
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पित माओवादियों को नवनिर्मित पुनर्वास नीति के तहत 50 हजार रुपये की सहायता राशि के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधाएं जैसे स्किल डेवलपमेंट हेतु प्रशिक्षण, कृषि भूमि इत्यादि मुहैया कराई जाएगी।
नक्सलियों से हो रहा संवाद
अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क और संवाद किया जा रहा है। शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गांव-गांव तक किया जा रहा है। इसके प्रभाव में लगातार शीर्ष माओवादियों सहित भटके हुए माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है। लोन वर्राटू अभियान के बारे में ग्रामीणों को भी जानकारी दी जा रही है।