March 28, 2025

Delhi AQI: पटाखे चलाने की वजह से फिर खराब हुई दिल्ली की आबोहवा, देखिए रिपोर्ट

Delhi AQI: पटाखे चलाने की वजह से फिर खराब हुई दिल्ली की आबोहवा, देखिए रिपोर्ट

नई दिल्ली।  कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से दिल्ली,रायपुर सहित कई शहरों की हवा में प्रत्याशित सुधार हुआ था। हवा की क्वालिटी इतनी शुद्ध हो गई थी कि लोग इसका एहसास करके कहने लगे थे कि वर्षों से दिल्ली,रायपुर में इतनी साफ हवा नहीं मिली।  लेकिन यह सब ज्यादा दिन नहीं चल पाया।  कुछ लोगों के अति उत्साह ने रंग में भंग डाल दिया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो सिर्फ दीये और कैंडल जलाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों से एकजुटता दिखाने की अपील की थी लेकिन काफी लोगों ने पटाखे भी फोड़े। नतीजा यह हुआ कि हवा में जहर घुल गया। 

वायु प्रदूषण की निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर’ के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली,रायपुर की हवा असामान्य रूप से संवेदनशील हो गई।  दिल्ली का जो प्रदूषण मैप लॉकडाउन के बाद से हरा हो चुका था वो आज पीला हो चुका है।  पीएम-10 सामान्य से ज्यादा हो चुका है।  पीएम-2.5 अभी सामान्य स्तर पर है लेकिन मंगलवार तक बढ़ने की अनुमान लगाया गया है।  पर्यावरणविदों ने पटाखे चलाने वालों पर नाराजगी जाहिर की है।  सोशल मीडिया पर भी ऐसे लोगों की खूब आलोचना हो रही है। 
 

28 मार्च को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सिर्फ 45 था।  जब से लॉकडाउन हुआ है,दिल्ली का प्रदूषण मैप हरा था।  यानी हवा संतोषजनक थी।  लेकिन 6 अप्रैल को यहां पीएम-10 अपने सामान्‍य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्‍यूबिक मीटर से अधिक 107 पर आ गया है।  जबकि पीएम 2.5 अपने सामान्य स्तर 60 एमजीसीएम के पास पहुंच गया है।  यह फिलहाल 58 है।, हालांकि, पुणे, मुंबई और अहमदाबाद में हवा साफ है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  की रिपोर्ट बता रही है कि प्रतिबंध से पहले यानी 21 मार्च तक दिल्ली के लोगों को शुद्ध हवा मयस्सर नहीं थी। पर्यावरणविद् एन. शिवकुमार का कहना है कि बात दीए और कैंडल जलाने की हुई थी न कि पटाखे चलाने की।  पटाखे चलाने से ही हवा फिर खराब हो गई है, न जाने लोग कब समझेंगे किसी अपील की गंभीरता को। 
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