November 30, 2024

दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में भी पास, पक्ष में पड़े 131 वोट, NDA को उम्मीद से ज्यादा मिला समर्थन

नई दिल्ली: दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में पास हो गया है। इसके पक्ष में 131 वोट पड़े हैं। वहीं इसके खिलाफ 102 वोट पड़े हैं। NDA को उम्मीद से ज्यादा समर्थन मिला है। वोटिंग के दौरान विपक्ष को 7 वोट कम मिले, वहीं एनडीए को उम्मीद से 10 वोट ज्यादा मिले। गौरतलब है कि ये बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। इस बिल का दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जमकर विरोध किया था लेकिन ये बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो गया।

दिल्ली में सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए ये बिल लाए: शाह
इससे पहले इस बिल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा है कि दिल्ली में सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए ये बिल लाए हैं। बिल का मकसद दिल्ली में भ्रष्टाचार को रोकना है। शाह ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी दिल्ली को पूरा अधिकार नहीं दिया। हमें किसी राज्य के पावर को लेने की जरूरत नहीं है। वो (केजरीवाल सरकार) पूर्ण राज्य की पावर एन्जॉय करना चाहते हैं। दिल्ली के किसी भी सीएम के साथ ऐसे झगड़े नहीं हुए हैं। दिल्ली में अराजकता फैलाने का काम शुरू किया गया। केजरीवाल सरकार पावर का अतिक्रमण करती है।

दिल्ली सेवा विधेयक पर राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि दो सदस्य कह रहे हैं कि उन्होंने AAP सांसद राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव (चयन समिति का हिस्सा बनने के लिए) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अब यह जांच का विषय है कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कैसे हो गए। राज्यसभा के उपसभापति का कहना है कि चार सांसदों ने मुझे लिखा है कि उनकी ओर से कोई सहमति नहीं दी गई है और इसकी जांच की जाएगी। एआईएडीएमके सांसद डॉ. एम. थंबीदुरई का भी दावा है कि उन्होंने कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और यह विशेषाधिकार का मामला है।

क्यों लाए बिल? अमित शाह ने बताया
शाह ने कहा, ‘संविधान सभा में सबसे पहला संविधान संशोधन पारित किया गया था। तब से संविधान को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। हम संविधान में बदलाव आपातकाल डालने के लिए नहीं लाए हैं। हम संविधान में बदलाव उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री की सदस्यता को पुनर्जीवित करने के लिए नहीं लाए हैं।’

उन्होंने कहा, ‘यह बिल हम शक्ति को केंद्र में लाने के लिए नहीं बल्कि केंद्र को दी हुई शक्ति पर दिल्ली UT की सरकार अतिक्रमण करती है, इसको वैधानिक रूप से रोकने के लिए यह बिल लेकर लाए हैं।’


error: Content is protected !!
Exit mobile version