December 21, 2024

महिला आरक्षण बिल पर चर्चा तेज, जानिए किस पार्टी के पास कितनी फीमेल MP?

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नईदिल्ली। संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. इसके बाद महिला आरक्षण को लेकर चर्चा तेज हो गई है. अब 20 सितंबर को इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा. इन सबके बीच चर्चा इस बात पर भी है कि आज संसद में महिलाओं की भागीदारी कितनी है.

वहीं INDIA गठबंधन के कई घटक दल इसके पक्ष में खड़े हैं. इसमें कांग्रेस इस बिल को पारित करने की मांग पर अड़ी है. इसके साथ ही अब इस बिल का क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है. चलिए अब ऐसे में आपको बताते हैं कि बीजेपी, कांग्रेस समेत अन्य दलों की कितनी महिलाएं सदन में एक सांसद के तौर पर हैं.

किस पार्टी में कितनी महिला सांसद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में 78 महिलाएं सांसद निर्वाचित होकर संसद पहुंची थीं. इसके अलावा उच्च सदन की बात करें तो राज्यसभा में 25 महिला सांसद हैं. दोनों सदनों को मिला दें तो कुल महिला सांसदों की संख्या 103 हो जाती है. बड़ी बात है कि इसको अब तक की महिला सांसदों की सबसे ज्यादा भागीदारी मानी जाती है, जो 14 प्रतिशत से ज्यादा है.

लोकसभा में सबसे ज्यादा महिला सांसद
बता दें कि लोकसभा में सबसे ज्यादा 42 महिला सांसद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हैं. वहीं कांग्रेस की बात करें तो 2019 के चुनाव में कांग्रेस की सिर्फ एक महिला उम्मीदवार सोनिया गांधी सांसद बनकर संसद भवन पहुंचीं.

2019 में 78 महिला सांसद निर्वाचित
दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 78 महिला सांसद निर्वाचित हुईं. जानकारी के मुताबिक इस दौरान 8054 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, जिसमें 726 यानी 9 प्रतिशत महिलाएं थीं. वहीं दिसंबर 2021 तक राज्यसभा में भी महिला सांसदों की संख्या 12.24 प्रतिशत यानी सबसे ज्यादा है.

कांग्रेस ने सबसे ज्यादा महिलाओं को दिया टिकट
इस दौरान कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 54 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. वहीं बीजेपी ने 53 महिलाओं को अपने टिकट पर चुनाव लड़ाया. वहीं बसपा ने 24, टीएमसी ने 23, सीपीएम ने 10, सीपीआई ने चार और एनसीपी ने एक महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था.

सदन में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी
वहीं सदन में महिला सांसदों की संख्या को प्रतिशत के रूप में देखें तो लोकसभा में 14.36 फीसदी और राज्यसभा में 10 फीसदी से ज्यादा महिला मेंबर हो गई है. बता दें कि साल 1951 से लेकर 2019 तक लोकसभा में लगातार महिलाओं की हिस्सेदारी में बढ़ोत्तरी देखी गई है.

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