दिव्यांग विष्णु को किसी ‘फरिश्ते’ का इंतजार, इलाज के लिए मदद की दरकार
बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिलान्तर्गत रामानुजगंज के विष्णु जन्म से ही दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। ऊपर से किडनी की बीमारी और उनकी खराब आर्थिक दशा ने विष्णु की कमर तोड़कर रख दी है। इधर कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन के कारण वे अपना इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। आलम ये हैं कि अब तो उन्हें दवाईयां लाकर देने वाला भी कोई नहीं है।
बता दें कि विष्णु को बीते दिनों मामूली बुखार आया, जिसके बाद उन्होंने निजी डॉक्टर से इलाज कराया, लेकिन उसकी तबियत और बिगड़ गई। इसके बाद उसे अंबिकापुर मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया, वहां भी हालत नहीं सुधरी, तो रायपुर हॉस्पिटल में इलाज चला। यहां डॉक्टर्स ने बताया कि विष्णु की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। उन्हें पहले जो दवाईयां दी गई थीं, वे सब हेवी डोज के थे, जिससे किडनी में इंफेक्शन हो गया है।
डीकेएस अस्पताल रायपुर के डॉक्टरों ने बताया कि किडनी में इन्फेक्शन हो गया है। जिसके बाद उन्होंने 15 दिन की दवाई दी, लेकिन पैसे नहीं होने के कारण विष्णु 3 दिन की ही दवा ले पाए। जिससे उसकी तबियत अब और खराब होने लगी है। दिव्यांग के परिवार का कहना है कि दवा खाने के बाद कुछ आराम था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से दवा नहीं मिली। दवा खरीदने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं बचे हैं, जो पैसे थे वो पहले ही इलाज में खर्च हो गए हैं।
दिव्यांग के भाई ने बताया कि विष्णु दोनों पैरों से लाचार है, इसके बावजूद उसने परिवार को कभी तकलीफ नहीं होने दी। वह माता-पिता के साथ ठेला लगाकर चने बेचता था और परिवार चलाने में मदद करता था, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। पूरा परिवार कर्ज में डूबा है, ऐसे में परिवार को जनप्रतिनिधियों और सरकार से मदद की आस है।
ग्रामीणों ने कहा कि विष्णु की आर्थिक हालत कमजोर है। अगर जनप्रतिनिधि या सरकार मदद करती है, तो विष्णु की जिंदगी बच सकती है। वहीं रामानुजगंज एसडीएम ने कहा कि हमें जानकारी मिली है, इस मामले में विष्णु कश्यप की मदद की जाएगी।
गौरतलब है कि एक तो कोरोना की मार और दूसरा लॉकडाउन की वजह से छिन चुकी रोजी-रोटी, अब विष्णु की जिंदगी में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब विष्णु को शासन-प्रशासन से मदद की दरकार है, ताकि उसकी जिंदगी बच सके।