सोने के दाम देकर पीतल घर न ले आना!, देख लीजिए दिवाली पर मिलावटी गोल्ड का बाजार सज चुका है
रायपुर। दिवाली में मिलावट का कारोबार हर चीज में देखने को मिल रहा है। वजह है बड़ी मात्रा में लोगों की खरीदारी, लेकिन एक चीज जिसमें थोड़ी सी भी मिलावट मतलब लाखों का नुकसान। हम बात कर रहे हैं सोने-चांदी के गहनों की। सोने चांदी के गहने दिवाली और धनतेरस पर बड़ी मात्रा में बिकते हैं। लोग अपने लिए तो खरीदते ही है साथ ही गिफ्ट देने के लिए भी सोने और चांदी के सिक्के खरीदे जाते हैं। बस इसी बात का फायदा उठाते हैं वो लोग जो लोगों को नकली सोना-चांदी बेचकर लाखों रुपये की कमाई करना चाहते हैं।
सोने का दाम पर पीतल न खरीद लेना
सोने का दाम पर पीतल को बेचा जाता है और ये कारोबार महीनों पहले से शुरू हो जाता है। महीनों पहले से नकली सोने के जेवर को असली रूप देने की तैयारियां होती है जिसे दिवाली के मौके पर बाजारों में खपाया जाता है। अब आप कहेंगे कि आप तो हॉलमार्क का निशान देखकर ही सोना खरीदते हैं। हॉलमार्क का निशान वाकई सोने की गारंटी का निशान है, लेकिन ये जानकर आप दंग रह जाएंगे कि हॉलमार्क का निशान भी नकली लगाया जा रहा है।
हॉलमार्क पर भी होती है हेराफेरी
कुछ महीनों पहले यूपी के सहारनपुर में ऐसे ही तीन सेंटर सील किए गए थे जहां पर नकली हॉलमार्क का निशान सोने पर लगवाया जाता था। यहां सर्राफा कारोबारी नकली मिलावटी पीतल के दाम का सोना लेकर आते थे और उन गहनों पर 24 कैरेट हॉलमार्क का निशान लगा दिया जाता था। ये सिर्फ सहारनपुर तक ही सीमित नहीं है। यूपी के देहरादून, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, मुरादाबाद, अलीगढ़, बिजनौर, गाजियाबाद और यमुनानगर के सर्राफ व्यापारी भी यहां नकली हॉलमार्क लगवाने पहुंच रहे थे। इसी तरह छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी कुछ सर्राफा कारोबारी नकली हॉलमार्क का खेल खेल रहे हैं।
त्योहारों के मौके पर खपाया जाता नकली सोना
सोचिए ये सारा नकली सोना कहां जाएगा। दरअसल त्योहारों के टाइम पर इस तरह के नकली सोने को बेचना आसान रहता है। लोग बल्क में सोने-चांदी के सिक्के और जूलरी खरीदते हैं। ज्यादातर चीजें गिफ्ट देने के लिए भी इस्तेमाल की जाती है और इसलिए ऐसे सर्राफा व्यापारियों के खिलाफ शिकायतें भी नहीं होती। इसलिए जरूरी है कि आप जो सोना खरीद रहे हैं उसे ध्यान से खरीदें। थोड़ी सी मिलावट भी आपको बड़ा नुकसान दे सकती है।
सोने के साथ मिलाई जाती हैं सस्ती धातु
सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार 41.7 फीसदी शुद्धता या 10 कैरेट से कम का सोना नकली सोना माना जाता है, लेकिन इन नियमों को बड़ी ही आसानी से ताक पर रख दिया जाता है। सोने के गहने जब तैयार किए जाते हैं तो उसमें तांबा, जस्ता और दूसरी धातु मिला दी जाती है। ऊपर से नकली रंग चढ़ा दिया जाता है। जिसकी चमक तो सोने की तरह होती है, लेकिन उसके सोने की धातु काफी कम रह जाती है। बेचते समय तो दुकानदान इसे आपको पूरे दाम पर बेच देते हैं, लेकिन जब आप इन गहनों को बेचने जाएंगे तो वो इनके बेहद कम दाम लगाते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि आप जो सोना खरीद रहे हैं उसे पूरी तरह चेक कर लें।
कैसे असली सोने की पहचान करें?
अब जान लीजिए कैसे आप असली और नकली सोने की पहचान कर सकते हैं। कैसे आप ये जान सकते हैं कि आपको जो सोना बेचा जा रहा है वो नकली तो नहीं है।
- सिर्फ एक गिलास पानी की मदद से आप अपना सोना चेक कर सकते हैं। असली सोने के गहने पानी के गिलास में नीचे बैठ जाएंगे, जबकि अगर सोना नकली है तो वो जेवर तैरने लगेंगे। साथ ही पानी का अगर रंग बदल जाता है तो इसका मतलब सोने में मिलावट है। असली सोने की वजह से पानी का रंग कभी नहीं बदलता।
- दूसरा तरीका है सिरका। आप अपनी जूलरी को थोड़ा सा रगड़िए। फिर उस हिस्से पर दो बूंद सिरके की डालिए। अगर सिरका डालने के बाद सोने का रंग बदल गया तो समझ जाइए कि आपको सोने के दाम पर पीतल बेच दिया गया है। सोना किसी भी हाल में रंग नहीं बदलता।
- जूलरी पहनकर भी आप सोने को परख सकती हैं। अगर सोने में तांबे की मिलावट की गई है तो जूलरी आपके शरीर पर हरा रंग छोड़ सकती है।