December 26, 2024

Earthquake: नेपाल में आए भूकंप से भीषण तबाही, मरने वालों की संख्या 129 पहुंची, एक डिप्टी मेयर की भी मौत

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काठमांडू। नेपाल में बीती रात आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है। नेपाल पुलिस के मुताबिक, अब तक मरने वालों की संख्या 129 पहुंच गई है। जाजरकोट में 92 लोगों की मौत हुई है और रूकुम में 37 लोगों की मौत हुई है। भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ खुद हेलिकॉप्टर से रूकुम और जाजरकोट की तरफ जाने वाले हैं।

डिप्टी मेयर सरिता सिंह की मौत
इस भूकंप में डिप्टी मेयर सरिता सिंह की भी मौत हुई है।

जाजरकोट से संबंधित नगरपालिका के नंबर:
9858021725

9868186583

9851151527

9848384084

9864734336

पुलिस के नंबर
9858089539
9858089540
9858089541
भारत में भी महसूस हुए थे तेज झटके
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रात में करीब 11.32 मिनट पर उत्तर प्रदेश, बिहार समेत उत्तर भारत के कई इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप का केंद्र नेपाल में था। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 आंकी गई थी। लखनऊ, पटना समेत देश के कई इलाकों में लोग भूकंप के झटकों के बाद घरों से बाहर निकल आए थे।

क्यों आता है भूकंप
दरअसल, हमारी धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी हुई है। इन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं।

ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

कैसे करें बचाव?
अगर अचानक भूकंप आ जाए तो घर से बाहर खुले में निकल जाएं। यदि आप घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें।

खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। इसके अलावे भूकंप रोधी मकान भी उतने ही जरूरी होते हैं। यह हालांकि बहुत महंगा नहीं होता, पर इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अक्‍सर लोग इसकी अनदेखी कर बैठते हैं।

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