हाथियों का खौफ : गजराज वाहन से स्कूल जा रहे प्रभावित गांवों के बच्चे
धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिलान्तर्गत गंगरेल इलाके में हाथियों के डर से लोग खौफ में है तो वहीं स्कूली बच्चे भी स्कूल जाने में डर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग ने प्रभावित गांवों के बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए गजराज वाहन की व्यवस्था की है। ये गजराज वाहन रोजाना 6 गांवों के करीब 25 स्कूली बच्चों को स्कूल छोड़ भी रही है साथ ही स्कूल से घर तक पहुंचाने का काम भी कर रही है. ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
दरअसल धमतरी के गंगरेल, विश्रामपुर, तुमराबहार, डांगीमांचा, कसावाही, तुमाबुजुर्ग गांवों में हाथियों की चहलकदमी से इलाके में दहशत का माहौल है. सोरम में एक युवक की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने डीएफओ से मांग की थी कि यहां से गुजरने वाले स्कूली छात्रों को सुरक्षा दी जाए.जिस पर डीएफओ सतोविशा समाजदार ने तत्काल घोषणा करते हुए कहा था कि गजराज वाहन में बच्चे पालकों के साथ स्कूल आना-जाना करेंगे. गजराज वाहन में स्कूली बच्चों को सोरम, भटगांव के स्कूल छोड़ा जा रहा है ताकि छात्र- छात्राओं को हाथियों से किसी तरह का नुकसान ना हो।
महीने भर से 18 हाथियों का दल इलाके में जमा हुआ है. इलाके में हाथियों का आतंक भी जारी है. हाथियों के दल खेतों में लगे धान, गेंहू, केले सहित अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.बीते दिनों हाथियों के इस दल ने गंगरेल बांध स्थित जल संसाधन के गार्डन में जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ भी की।
वन विभाग की टीम ने हाथियों को केरेगांव जंगल की ओर ले जाने के लिए केला, पपीता, गन्ना और सब्जियां भी रखी. लेकिन हाथी खाकर आगे बढ़ने की बजाए वापस बांध एरिया में लौट गए.गंगरेल बांध क्षेत्र के आसपास गांवों में 700 से अधिक परिवार दहशत में हैं.ऐसे में इन गांवों में शाम होते ही लाइट बंद करा दी जा रही है.
धमतरी वन परिक्षेत्र के रेंजर महादेव कन्नौजे ने बताया कि वन विभाग हाथियों की हर गतिविधियों पर दिन-रात नजर रख रहा है. ताकि जान माल के नुकसान को रोका जा सके.इसके साथ ही हाथियों को क्षेत्र से खदेड़ने के लिए कई तरह के प्रयास भी किए जा रहे हैं. इलाके में मनादी कर लोगों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है.
फिलहाल वन विभाग हाथियों पर नजर रखने के साथ इलाके में हुए नुकसान का आंकलन कर रहा है. ताकि पीड़ित ग्रामीणों को मुआवजा देने की कार्रवाई की जा सके.