भावी पीढ़ी को वैचारिक एवं शैक्षणिक रुप से और अधिक सुदृढ़ तथा योग्य बनाने पर जोर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का किया सम्मान
रायपुर| मुख्यमंत्री भपेश बघेल ने कहा है कि आने वाली पीढ़ी को वैचारिक एवं शैक्षणिक रुप से मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आज बेमेतरा में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। बेमेतरा जिले में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर 37वें शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन कृषि उपज मण्डी बेमेतरा में किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सम्मान करने की एक ऐतिहासिक एवं बेहतर परंपरा की शुरुआत 37 वर्ष पूर्व बेमेतरा में की गई है। उन्होंने शिक्षकों के सम्मान की इस परम्परा को बनाये रखने के लिए आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस गरिमामयी कार्यक्रम में इसके पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, तत्कालीन लोकसभा की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, राज्यपाल एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ा चुके हैं, इससे बेमेतरा जिले सहित छत्तीसगढ़ का नाम गौरवान्वित हुआ है। यह मेरा सौभाग्य है कि आज के कार्यक्रम में मैं शरीक हुआ हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का युग है, वैश्विक भाषा अंग्रेजी को जानना जरुरी है। इस कारण सरकार ने प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की है। सबसे पहले 51 स्कूल शुरु किए गये थे। इसके पश्चात 279 स्कूल संचालित हो रहे हैं। अगले शिक्षा सत्र से 422 स्कूल खोले जायेंगे। इस तरह प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूलों की कुल संख्या 501 हो जायेगी। इन स्कूलों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों से आयी मांग को दृष्टिगत रखते हुए गांव के स्कूलों का संधारण रंग-रोगन तथा आहता निर्माण आदि कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। श्री बघेल ने कहा कि हर गांव में खेल मैदान के लिए जमीन आरक्षित की जायेगी, जिससे प्रदेश में शिक्षा के साथ-साथ खेल के लिए भी एक बेहतर वातावरण बने। स्कूलों में सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई होगी। इसके अलावा बस्तर एवं सरगुजा संभाग में उस अंचल की स्थानीय बोली में पढ़ाई करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल में अब एक विषय संस्कृत में भी पढ़ाई होगी। प्रदेश में 5 हजार बालवाड़ी खोलने की व्यवस्था हमने की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु शिष्य की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और श्रीकृष्ण ने गुरुकुल में ही शिक्षा ग्रहण की थी। समय के साथ-साथ अब इसमें परिवर्तन हुआ है। ज्ञान जिनसे मिले, उनसे अवश्य प्राप्त कर लेना चाहिए। ज्ञान छोटे अथवा अपने से बड़े से भी लिया जा सकता है, इसकी कोई उम्र की सीमा नहीं होती, ज्ञान बांटने से घटता नहीं बल्कि बढ़ता है।
गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि बेमेतरा के गौरवशाली शिक्षक सम्मान समारोह से मैं भली-भांति परिचित हूं। इस वर्ष से कॉलेज के बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है, यह खुशी की बात है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए प्रदेश में हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जा रहे हैं। सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के शुल्क भी माफ किए गए हैं।
कृषिमंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बेमेतरा के ऐतिहासिक शिक्षक दिवस समारोह में मुख्यमंत्री की उपस्थिति हम सब के लिए सौभाग्य का विषय है। आज शिक्षक दिवस के मौके पर हम गुरुजनों का सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को गुरु का दर्जा दिया गया है। जिस प्रकार ब्रम्हा जी को जीवन का सृजनकर्ता माना जाता है। उसी प्रकार गुरु शिष्यों को गढ़ते हैं, जिससे शिष्य जीवन में उंचाई को प्राप्त करे और निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहे। प्रदेश की कला संस्कृति को जीवित, अक्षुण्ण एवं संरक्षित रखने का कार्य मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है। यह एक अच्छी पहल है।
विधायक एवं आयोजन समिति के संरक्षक श्री आशीष छाबड़ा ने कहा कि वर्ष 1986 से तत्कालीन विधायक श्री रवेन्द्र वर्मा ने एक समिति गठित कर एक गौरवशाली परंपरा की शुरुआत की थी, जो निरंतर चली आ रही है। विधायक ने गुरुजनों को सादर प्रणाम करते हुए बच्चों की उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम के दौरान सेवा निवृत्त शिक्षकों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया एवं मेधावी बच्चों को मेडल पहनाकर एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस गरिमामयी समारोह में संसदीय सचिव एवं विधायक नवागढ़ श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा, छ.ग. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री थानेश्वर साहू, पूर्व विधायक प्रदीप चौबे, लक्ष्मण चंद्राकर, संभागायुक्त दुर्ग श्री महादेव कावरे, कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह छवई सहित अन्य अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।