EVM किसी से कनेक्ट नहीं होती…, चुनाव आयोग ने खारिज किया हैकिंग का आरोप
मुंबई। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में ईवीएम हैकिंग के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. महाराष्ट्र में आरोप लगे हैं कि ईवीएम को मोबाइल फोन से कनेक्ट किया गया था. महाराष्ट्र में मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज जो खबर आई है, उसको लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए हैं. लेकिन ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं. उन्होंने साफ कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नही लगता है. ईवीएम डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता है. ईवीएम स्टैंडअलोन सिस्टम है. खबर पूरी तरह से गलत है. हमने पेपर को नोटिस इश्यू किया है. आईपीसी की 499 धारा के तहत डिफेमेशन का केस दर्ज किया गया है.
वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि मैंने पेपर के रिपोर्टर को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन इसके बावजूद गलत खबर प्रकाशित की गयी. अब उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 एवं 499 के तहत नोटिस भेजेंगे. दिनेश गुरव को, जिसे मोबाइल रखने की इजाजत दी गई थी, वो उसका खुद का मोबाइल था.
ईवीएम को हैक करना संभव नहीं: चुनाव आयोग
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को हमने डाटा अपलोड करने के लिए मोबाइल रखने की अनुमति दी थी, लेकिन उस संबधित व्यक्ति तक वो मोबाइल कैसे गया. उस पर हमने खुद भी एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने साफ कहा कि किसी को (पुलिस को भी ) हम सीसीटीवी नही देंगे, जब-तक कोई कोर्ट का ऑर्डर लेकर नहीं आता है.
वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि ईवीएम बिल्कुल भी हैक हो नही सकता है. हैक होने का सवाल ही नहीं है. यह तथ्य नहीं है. हमने शिकायत की है कि मोबाइल अनाधिकृत व्यक्ति ने इस्तेमाल किया है. ईवीएम में लॉगिन के लिए केवल पासवर्ड आता है. उसका ईवीएम से कोई लेना-देना नहीं है.
इससे पहले मुंबई पुलिस ने नवनिर्वाचित मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सांसद रवींद्र वायकर के साले मंगेश पंडिलकर के खिलाफ मतगणना केंद्र पर कथित तौर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया है.
ईवीएम को मोबाइल से कनेक्ट करने पर विवाद
पुलिस सूत्रों का आरोप है कि पंडिलकर ने महाराष्ट्र के मुंबई के गोरेगांव इलाके में स्थित केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को अनलॉक करने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जनरेट करने के लिए फोन का इस्तेमाल किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सदस्य वायकर ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के अमोल गजानन कीर्तिकर को मात्र 48 वोटों से हराया, जिससे विवाद खड़ा हो गया.
परिणाम घोषित होने के बाद, पुलिस और चुनाव आयोग को सीट से चुनाव लड़ रहे कई उम्मीदवारों से शिकायतें मिलीं. चुनाव आयोग के एक कर्मचारी पर भी कथित तौर पर पंडिलकर को मोबाइल फोन मुहैया कराने का आरोप लगाया गया. कथित तौर पर चुनाव अधिकारी दिनेश गुरव के पास ईवीएम को अनलॉक करने के लिए ओटीपी जनरेट करने के लिए महत्वपूर्ण फोन था, जो केवल चुनाव अधिकारियों के लिए था.
चुनाव आयोग की शिकायत पर जांच शुरू
पुलिस जांच में ओटीपी जनरेशन में फोन की भूमिका और डेटा हैंडलिंग और कॉल के लिए इसके इस्तेमाल की जांच की जा रही है. कथित तौर पर पंडिलकर ने महत्वपूर्ण दिन सुबह से शाम 4:30 बजे तक फोन का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की है.
मुंबई पुलिस की तीन टीमें मामले की जांच कर रही हैं, जो चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करेगी. बता दें कि एलन मस्क द्वारा ईवीएम के बारे में आशंका व्यक्त करने के बाद विवाद ने तूल पकड़ लिया, जिसमें हैकिंग की कथित कमजोरियों के कारण ईवीएम को खत्म करने की वकालत की गई है.