सड़क, नाली व पुल-पुलिया निर्माण, पेयजल और स्ट्रीट लाइट के लिए नगर निगमों में पहली बार वार्डवार राशि मंजूर
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा सभी नगर निगमों के लिए कुल 66.26 करोड़ रूपए स्वीकृत
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा पर अमल, अधोसंरचना विकास के लिए नगर निगमों को मिली राशि
रायपुर| छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अधोसंरचना विकास के लिए प्रदेश के सभी नगर निगमों में पहली बार वार्डवार राशि मंजूर की गई है। विभाग द्वारा इसके लिए पहले चरण में सभी नगर निगमों के लिए कुल 66 करोड़ 26 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विगत 31 मार्च को नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के लिए राशि दिए जाने की घोषणा की थी। इस पर अमल करते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगर निगमों को वार्डवार राशि प्रदान की है। विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्त को राशि की स्वीकृति की जानकारी देते हुए अधोसंरचना विकास के कार्यों का प्रस्ताव भेजने कहा है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने रायपुर नगर निगम में प्रत्येक वार्ड के लिए 15 लाख रूपए के मान से कुल दस करोड़ 50 लाख रूपए मंजूर किए हैं। भिलाई और बिलासपुर नगर निगम में प्रत्येक वार्ड के लिए दस लाख रूपए के मान से कुल सात-सात करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। कोरबा, दुर्ग, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, बीरगांव, धमतरी, भिलाई-चरोदा, रिसाली और चिरमिरी नगर निगमों में प्रत्येक वार्ड के लिए आठ लाख रूपए के मान से राशि मंजूर की गई है। विभाग द्वारा कोरबा नगर निगम के लिए कुल पांच करोड़ 36 लाख रूपए, दुर्ग के लिए चार करोड़ 80 लाख रूपए, राजनांदगांव के लिए चार करोड़ आठ लाख रूपए, जगदलपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर के लिए 3.84-3.84 करोड़ रूपए, बीरगांव, धमतरी, भिलाई-चरोदा, रिसाली और चिरमिरी नगर निगमों के लिए 3.20-3.20 करोड़ रूपए की मंजूरी वार्ड स्तर पर अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिए दी गई है। इस राशि से वार्डों में मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्री की घोषणा वाले कार्य, सड़कों की मरम्मत, रखरखाव व नए सड़कों के निर्माण, नाला व नाली निर्माण तथा पुल-पुलियों के निर्माण के कार्य किए जाएंगे। साथ ही स्ट्रीट लाइट और वंचित क्षेत्रों में पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल वितरण के कार्य भी इससे किए जाएंगे। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में 30 प्रतिशत राशि के कार्यों का प्रस्ताव शामिल करने के निर्देश दिए हैं।