November 8, 2024

ED के FIR पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया सवाल, कहा- लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही पूरी कार्रवाई…

रायपुर। कोयला और शराब घोटाले में ईडी के एसीबी में दर्ज कराए गए एफआईआर में 2 पूर्व मंत्री और विधायकों के नाम शामिल किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि 3 साल से ईडी और आईटी जांच कर रहे हैं. जांच में पूर्व मंत्रियों का नाम नहीं था, लेकिन आज षडयंत्र के तहत कार्रवाई हो रही है. यह पूरी कार्रवाई लोकसभा के मद्देनजर की जा रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 3 साल से ईडी और आईटी जांच कर रही है, अब एसीबी को कहा कि एफआईआर करें. जब ईडी और आईटी जांच कर रही थी, तब ना यूडी मिंज का नाम था, ना अमरजीत भगत का नाम था. आज अचानक एसीबी ने केस रजिस्टर करते हुए सभी नेताओं का नाम लिख दिया. सरकार प्रदेश के नेताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यूडी मिंज का दोष इतना था कि वह विष्णुदेव साय के खिलाफ चुनाव लड़े. एसीबी जांच का आदेश मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर से होता है. मुख्यमंत्री काफी छोटी सोच के हैं. जब एसीबी जांच कर रही है, तब किसी नेता का नाम नहीं आया था. लोकसभा को ध्यान में रखते हुए इन्हें बदनाम किया जा सके.

भूपेश बघेल ने कहा कि शराब में घोटाला हुआ था, तब राज्य सरकार के कोष में हानि हुई थी. 2 साल से जांच कर रहे हैं, लेकिन संपत्ति का प्रमाणीकरण नहीं कर पा रहे हैं. पहले ईडी और आईटी बदनाम कर रही थी. इस छोटी सोच के लिए मुख्यमंत्री की निंदा करता हूं. हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महादेव एप में हमने 90 से अधिक एफआईआर दर्ज किए. अमित शाह राम मंदिर उद्घाटन में नहीं गए, लेकिन जो महादेव एप खेलते हैं, वह मंदिर पहुंच गए. महादेव एप के मालिक सौरभ चंद्राकर की शादी में जो नाचने गए थे, वो उद्घाटन में अतिथि बनकर मौजूद थे, जबकि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री वहां मौजूद नहीं थे.

error: Content is protected !!