712 करोड़ की ठगी : बड़े मुनाफे का लालच देकर ठगे करोड़ों रुपए, चीनी गिरोह का भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार
हैदराबाद। साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने एक बहुत बड़े चाइनीज इन्वेस्टमेंट फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह मैसेंजर ऐप टेलीग्राम और व्हाट्सऐप के जरिए लोगों से संपर्क करता था और फिर उन्होंने थोड़े इन्वेस्टमेंट में बड़े रिटर्न की लालच देकर ठगी करता था. इस गिरोह के तार दुबई और चीन के साथ-साथ आतंकी संगठनों से भी जुड़े होने के संकेत मिले हैं. पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें दो गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं।
गिरोह के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा है कि गिरोह की ओर से देशभर में करीब 712 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है. शुरू में यह गिरोह लोगों को बढ़िया रिटर्न मुहैया कराता था, फिर जब लोगों का लालच बढ़ जाता था तो उनसे ज्यादा इन्वेस्ट कराकर गायब हो जाते थे. इसके बाद धोखाधड़ी के पैसों को क्रिप्टो करेंसी के जरिए पहले दुबई ट्रांसफर किया जाता था, उसके बाद चीन भेज दिया जाता था।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि रकम का एक हिस्सा एक आतंकी संगठन ‘हिज़्बुल्लाह’ की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले क्रिप्टो वॉलेट में भी ट्रांसफर किया गया है. पुलिस की मानें तो गिरोह ने अच्छे-अच्छे लोगों को अपनी चंगुल में फंसाया है. इसमें कई तो पढ़े लिखे और सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी हैं.
पुलिस ने कहा कि यह धोखाधड़ी बड़े स्तर की है ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय के साथ इसकी गहराई से जांच की जरूरत है, इसलिए मामले को केंद्र सरकार के संज्ञान में भी लाया जाएगा और एनआईए जांच की भी सिफारिश करेंगे. पुलिस ने आरोपियों के पास से उन लैपटॉप और मोबाइल फोन को भी जब्त कर लिया है जिनके जरिए वो ठगी को अंजाम देते थे.
शख्स की शिकायत के बाद पकड़ में आया मामला
हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर सी वी आनंद के मुताबिक, गिरोह से जुड़ा मामला तब सामने आया जब हैदराबाद के एक निवासी ने साइबर क्राइम पुलिस में गैंग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि उसके साथ 28 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है. शिकायतकर्ता को टेलीग्राम के जरिए ‘रेट एंड रिव्यू’ नौकरी की पेशकश की गई थी. इसके लिए एक फर्जी कंपनी में उसका रजिस्ट्रेशन भी किया गया था.
अक्सर बिजनेस के सिलसिले में दुबई जाते थे मुख्य आरोपी
पुलिस की ओर से जिन 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है उनकी पहंचान प्रकाश मूलचंदभाई प्रजापति, कुमार प्रजापति, नईमुद्दीन वहीदुद्दीन शेख, गगन कुमार सोनी, परवीज उर्फ गुड्डू, शमीर खान, मोहम्मद मुनव्वर, शाह सुमैर और अरुल दास के रूप में हुई है.
मामले के मुख्य आरोपी प्रकाश मूलचंदभाई और कुमार प्रजापति अहमदाबाद के रहने वाले हैं. इन दोनों आरोपियों से चीन के लोग संपर्क में है. दोनों अक्सर अपने बिजनेस के सिलसिले में दुबई जाते थे और धोखाधड़ी के पैसों को क्रिप्टो करेंसी के जरिए चीन भेज देते थे.