July 1, 2024

CG : लाखों का फर्जीवाड़ा; जिला समन्वयक, सीईओ और लेखापाल ने मिलकर लगाई 78 लाख की चपत, FIR दर्ज

दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के जिला पंचायत में एक बड़ा ही अजीबो-गरीब गबन का मामला सामने आया है। जहां स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक देवेंद्र झाड़ी ने तत्कालीन सीईओ आकाश छिकारा और लेखा पाल के फर्जी हस्ताक्षर कर 78 लाख रुपए से अधिक राशि निकाल ली है।

यह मामला दो साल पहले हुआ था और जिला पंचायत के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। यह पूरा मामला जब अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं वर्तमान जिला पंचयात सीईओ के दिशा निर्देश पर जिला पंचायत के एडी ने कोतवाली थाना में FIR दर्ज करायी है। जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी 420,468,471 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। फिलहाल आरोपी गिरफ्त से बाहर है।

इस खाते से हुआ फर्जीवाड़ा : जिला पंचायत में कार्यालीन खाता क्रमांक 3575460495 से समूह मृतक गंगा वॉटर दंतेवाड़ा को राशि 18 लाख 44 हजार 806 रुपए दिए गए। वहीं चेक क्रमांक 017441 06/10/2022 को इस राशि का आहरण किया गया। वहीं दूसरा चेक क्रमांक 079060 01/08/2022 को 59 लाख 77 हजार 285 रुपए निकाले गए। इन चेक में तत्कालीन सीईओ अकाश छिकारा के फर्जी हस्ताक्षर और लेखापाल के हस्ताक्षर किए गए है। जिस मृतक गंगा वॉटर के खाते में पैसा गया उसे जिला पंचायत के अधिकारी समूह बता रहे हैं। इस समूह के विषय में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।

ऐसे हुआ मामला उजागर : इस प्रकरण की जांच की गई तो चेकबुक, पासबुक, कैश बुक और अन्य दस्तावेज देवेंद्र झाडी के पास थे। जांच उपरांत झाड़ी को बर्खास्त कर दिया गया। मामले की गहराई से जांच हुई तो फर्जी हस्ताक्षर कर चेक से पैसा निकालने का मामला भी सामने आया। जिला पंचायत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, डीएमएफ से भी स्वच्छ भारत मिशन का कार्यक्रम चला है। बैक में जमा राशि का ब्याज का पैसा है। खातों को खांगाला गया तो मृतक गंगा वॉटर एसएचजी दंतेवाड़ा के खाते में पैसा गया है। लेकिन सूमह को एनआरएलएम में पता किया जा रहा है तो रजिस्टर्ड नहीं है। इतना ही नहीं इस समूह से जुड़े कोई दस्तावेज भी स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक के कार्यालय में नहीं मिल रहे है।

समूह के अध्यक्ष का पता नहीं लेकिन पत्नी है सदस्य : जिला पंचायत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, फर्जी समूह की भी जांच की जा रही है। इस समूह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। फिलहाल जानकारी मिली है कि, इस समूह की सदस्य उसकी पत्नी भी है। पत्नी के बारे में बताया जाता है कि, वह पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आदिम जाति कल्याण विभाग में नौकरी करती थी। उसके दस्तावेजों पर जब जांच हुई तो उसे नौकरी से बर्खाश्त कर दिया गया था। आपको बता दें कि, देवेंद्र झाड़ी ने दो शादियां की है।

इस पूरे मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ कुमार विश्वरंजन ने कहा कि, मृतक गंगा वॉटर समूह के खाते में फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रांसफर किया गया है। इस सबंध में तत्कालीन अधिकरियों से भी बात की गई है। उनका कहना है चेक पर उन्होंने हस्ताक्षर नही किया है। एक चेक तो उस दौरान भुनाया गया एकाउंंटेंट के ट्रांसफर हो चुका था। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना में एफआईआर करवाई गई है।

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