महंगाई डायन : दाल, तेल फिर हुए महंगे… आम आदमी का जीना मुश्किल
रायपुर। पेट्रोल और डीजल के साथ रसोई गैस की कीमत ने वैसे ही आम आदमी जीना मुश्किल कर दिया है। अब खाद्य तेलों के साथ दालें एक बार फिर से महंगी होने लगी हैं। इनके महंगे होने का कारण जहां पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत को बताया जा रहा है। वहीं जीएसटी में इजाफा होने की संभावना के कारण भी तेल कंपनियों ने कीमतें बढ़ा दी हैं। सोया तेल एक बार फिर से चिल्हर में 130 से 140 और फल्ली तेल 170 रुपए पहुंच गया है। दालें भी महंगी हो गई हैं। प्रदेश के साथ देशभर में सबसे ज्यादा खाद्य तेलों में खपत सोया तेल की होती है। इसमें कीर्ति गोल्ड ऐसा ब्रांड है, जो सबसे कम कीमत पर बिकता है। पिछले साल ही इसकी कीमत चिल्हर में 80 रुपए के आसपास रही है लेकिन कोरोनाकाल के चलते इसकी कीमत में लगातार तेजी आती चली गई है।
जो तेल पिछले साल के अंत में थोक में 105 रुपए के आसपास था, वह नए साल में 125 रुपए हो गया है। इसके बाद इसकी कीमत में कुछ कमी आने लगी थी लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार इजाफा होने के कारण एक बार फिर सोया तेल महंगा हो गया है। थोक में जहां यह 125 से 130 रुपए तक चला गया है वहीं चिल्हर में 130 से 140 रुपए तक बिक रहा है। इसी के साथ सरसों तेल ने भी इस बार रिकार्ड बना दिया है। सरसाें का तेल कुछ समय पहले ही रिकार्ड 170 रुपए तक चला गया था लेकिन इसकी कीमत में भी कमी आ रही थी। इसमें एक बार फिर तेजी आ गई है। यह थोक में 140 से 145 और चिल्हर में 150 से 160 तक बिक रहा है। फल्ली तेल तो कीमत का दोहरा शतक लगा चुका है लेकिन इसकी कीमत में भी राहत के बाद एक बार फिर से आफत आने लगी है। थोक में यह 150 से 155 और चिल्हर में 170 रुपए तक बिक रहा है।
दालों की कीमत भी एक बार फिर से आसमान पर जाने लगी हैं। जो राहर दाल पिछले साल पहली तिमाही में साल 75 से 80 रुपए तक बिक रही थी। उसने आगे चलकर 130 रुपए तक बिकने का रिकार्ड बनाया लेकिन नए साल में इसकी कीमत में कमी आई। थोक में दाल 90 रुपए तक आ गई थी। चिल्हर में अच्छी क्वालिटी की दाल सौ रुपए तक मिलने लगी थी लेकिन अब फिर से इसमें भी तेजी आ गई है। थोक में अच्छी दाल 105 रुपए और चिल्हर में 110 से 115 रुपए तक मिल रही है। सबसे सस्ती बिकने वाली चना दाल थाेक में 65 और चिल्हर में 75 रुपए तक बिक रही है। मूंगदाल थोक में 95 से 100 और चिल्हर में 110 से 120 रुपए तक बिक रही है। उड़द दाल धुली थोक में 110 से 115 तो चिल्हर में 125 तक बिक रही है। देशी चना और काबुली चना भी महंगा हो गया है। देशी चना थोक में 75 और चिल्हर में 80 से 85, काबुली चना थोक में 85 से 90 और चिल्हर में 100 रुपए तक बिक रहा है।
तेल कारोबारी प्रेम पाहूजा का कहना है कि तेल और दालों सहित जिस भी वस्तु की इस समय कीमत बढ़ रही है उसका सबसे बड़ा कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें हैं। इसके कारण मालभाड़ा बढ़ गया है। एक तरफ मालभाड़ा बढ़ा है वहीं जीएसटी का भी असर है। किसी सामान काे लाने के लिए अगर पहले भाड़ा 100 रुपए लगता था और आज 140 रुपए लग रहा है तो अतिरिक्त लगने वाले 40 रुपए पर जीएसटी भी लग जाती है। ऐसे में दोहरा असर होने के कारण कीमतें बढ़ रही हैं। इधर तेलों पर पांच फीसदी लगने वाली जीएसटी के भी आठ फीसदी होने के आसार हैं।