जशपुर कलेक्टर कावरे का निर्देश…. क्वारेंटाईन सेंटर में SDM,CEO और BMO अपना संपर्क नंबर चस्पा करें
जशपुरनगर । छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कलेक्टर महादेव कावरे ने सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और बीएमओ को क्वारेंटाईन सेंटर में अपना संपर्क नंबर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोग संपर्क करके सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि जिले के क्वारेंटाईन सेंटर में अन्य राज्य से आने वाले अपने जशपुर जिले के श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए ग्राम पंचायतों के क्वारेंटाईन सेंटरों में पर्याप्त संख्या में रूकने के लिए जगह है। श्रमिकों, मजदूरों को 14 दिन की क्वारेंटाईन अवधि में किसी भी प्रकार की रूकने में समस्या नहीं आ रही है।
जिला प्रशासन द्वारा उन्हें क्वारेंटाईन सेंटरों में ठहराया गया है और उनके लिए भोजन पानी, शौचालय, मनोरंजन सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है ताकि 14 दिनों की क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न होने पाए। अन्य राज्य से आने वाले अपने गृह ग्राम श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के उपरांत उन्हें क्वारेंटाईन सेंटरों में रूकवाया जा रहा है और उनका सेम्पल लेकर कोरोना टेस्ट के लिए भेजा रहा है। साथ ही निरंतर उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में उन्हें रखा गया है।जशपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 699 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 4539 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3960 एवं महिलाओं की संख्य 579 शामिल है। इनमें जशपुर विकासखंड के 58 क्वारेंटाईन सेंटर में 420 लोगों को रखा गया हैं। इसी प्रकार मनोरा के 57 क्वारेंटाईन सेंटर में 276 लोगों को, दुलदुला विकासखंड के 90 क्वारेंटाईन सेंटर में 557 लोगों को, कुनकुरी विकासखंड के 153 क्वांरेंटाईन सेंटर में 531 लोगों को, फरसाबहार विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 1170 लोगों को कासंाबेल विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 492 लोगों को, पत्थलगांव विकासखंड के 128 क्वारेंटाईन सेंटर में 545 लोगों को एवं बगीचा विकासखंड के 103 क्वारेंटाईन सेंटर में 548 लोगों को रखा गया है।
कलेक्टर कावरे के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं निंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है।