September 25, 2024

कोंडागांव : नसबंदी के बाद एक साथ 3 बच्चों को जन्म, लॉकडाउन में गूंजी किलकारी

कोंडागांव। छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के साथ साथ चिकित्सालयों में किलकारियां भी गूंज रही है। कहीं खुशी-कहीं गम के हालात के बीच कोंडागांव में एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। पति की नसबंदी के बाद महिला के एक साथ तीन बच्चों को जन्म देने से इस दंपती की चिंता इनके लालन-पालन को लेकर बढ़ गई है। 

परिजनों ने बताया कि महिला का चौथा प्रसव है। इससे पहले उनके तीन बच्चे हैं। तीन बच्चों के बाद परिवार नियोजन को अपनाते हुए महिला के पति ने चार वर्ष पहले पुरुष नसबंदी कराई थी। लेकिन नसबंदी के बाद भी महिला पुनः गर्भवती हो गई और एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया।बच्चों के जन्म से परिवार में खुशी तो है। साथ ही गरीब आदिवासी परिवार पहले से ही 3 बच्चों के लालन-पालन व शिक्षा-दीक्षा को लेकर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। परिवार नियोजन योजना को अपनाने के बाद पुनः तीन बच्चों का जन्म होने से चिकित्सकों की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहा है।
कोंडागांव जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामपुर में 28अप्रैल की रात करीब 10 बजे किलकारियां गूंजने लगी। जहां महिला दशमति पति संतु राम उम्र 33 वर्ष ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। इनमें से एक लड़का और दो लड़की हैं। हालांकि तीन बच्चे होने की वजह से नवजात बच्चों का वजन सामान्य से कम है। इनमें से लड़के का वजन दो किलोग्राम व लड़कियां डेढ़-डेढ़ किलोग्राम की हैं। चिकित्सकों की देखरेख में जच्चा-बच्चा सभी स्वस्थ हैं।
जिस महिला ने तीन बच्चों को एक साथ जन्म दिया है, वह ग्राम पल्ली की रहने वाली है। मंगलवार शाम से महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी थी। परिजनों ने महिला को जिला हॉस्पिटल कोंडागांव ले जाने के लिए घर से निकाला। महिला का प्रसव पीड़ा बढ़ता देख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामपुर में रात 9 बजे पहुंचे।
स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स हेमलता व सविता ने महिला का जांच व उपचार शुरू की। देखते ही देखते कुछ घंटों के भीतर महिला ने सामान्य प्रसव से तीन बच्चों को जन्म दिया। महिला की डिलेवरी करवाने वाली स्टाफ नर्स हेमलता व सविता ने बताया कि तीन बच्चों के जन्म का यह मामला उनके यहां पहला है। यह प्रसव किसी चुनौती से कम नहीं था। मन में भय भी था। पूरी आत्मविश्वास के साथ कार्य करते हुए तीनों बच्चों का सफल प्रसव कराया।
परिवार नियोजन योजनाओं को अपनाने के बाद भी बच्चों का जन्म होने से योजना के क्रियान्वयन और सफलता पर सवाल उठाया जा रहा है। दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन अपनाने के लिए सरकार दंपतियों को प्रोत्साहित भी कर रही। प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। लेकिन परिवार नियोजन अपनाने के बाद भी इस तरह की हालात पैदा होना परिवार नियोजन की सफलता को कटघरे में खड़ा करता है।   

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